दिल्ली/मंबई, 25 अगस्त (हि.स.)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के बीच भारत को सतत विकास की राह पर लौटने के लिए गहरे और व्यापक सुधारों की जरूरत है। रिजर्व बैंक ने आगाह किया है कि इस महामारी की वजह से देश की संभावित वृद्धि दर की क्षमता नीचे आएगी।
रिजर्व बैंक ने मंगलवार को जारी अपने ‘आकलन और संभावनाओं’ रिपोर्ट में कहा है कि कोविड-19 महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से ‘तोड़’ दिया है। भविष्य में वैश्विक अर्थव्यवस्था का आकार इस बात पर निर्भर करेगा कि इस महामारी का फैलाव कैसा रहता है। ये महामारी कब तक रहती है और कब तक इसके इलाज का टीका आता है। आरबीआई का ‘आकलन और संभावनाएं’ 2019-20 की वार्षिक रिपोर्ट का हिस्सा हैं।
आरबीआई के मुताबिक तभी आप विकास दर में गिरावट से उबर सकते हैं और अर्थव्यवस्था को वृहद आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के साथ मजबूत और सतत वृद्धि की राह पर ले जा सकते हैं।’ रिजर्व बैंक ने कहा कि शेष दुनिया की तरह भारत में भी संभावित वृद्धि की संभावनाएं कमजोर होंगी। क्योंकि ‘कोविड-19 के बाद के परिदृश्य में प्रोत्साहन पैकेज और नियामकीय रियायतों से हासिल वृद्धि को बनाए रखना मुश्किल होगा, तब प्रोत्साहन हट जाएंगे।’
रिजर्व बैंक ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार भी कुछ अलग होगा। वैश्विक वित्तीय संकट कई साल की तेज वृद्धि और वृहद आर्थिक स्थिरता के बाद आया था। वहीं, कोविड-19 ने ऐसे वक्त अर्थव्यवस्था को झटका दिया है, जबकि पिछली कई तिमाहियों से यह सुस्त रफ्तार से आगे बढ़ रही थी।