लखनऊ, 05 अप्रैल (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने रविवार रात नई गाइडलाइन जारी की। मुख्य सचिव आरके तिवारी द्वारा जारी किए गए विस्तृत दिशा-निर्देश के अनुसार एक मरीज के मिलने पर 25 मीटर और एक से अधिक मरीज होने पर 50 मीटर को कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा। 25 मीटर के दायरे में 20 घर और 50 मीटर के दायरे में 60 घर होंगे।
मुख्य सचिव की ओर से सभी जिलाधिकारियों, जिला पुलिस प्रमुखों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि कोविड के एक-एक मामले वाले दो कंटेनमेंट जोन में एक टीम लगाई जाएगी। एक क्षेत्र में एक से अधिक केस होने पर क्लस्टर मानते हुए क्लस्टर के बीच के बिंदु को एपीसेंटर चिह्नित कर 50 मीटर की परिधि को कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा।
आदेश में यह भी कहा गया है कि किसी बहुमंजिला भवन में एक संक्रमित मिलने पर उस तल को कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा, जिस पर संक्रमित व्यक्ति का आवास हो। एक से अधिक केस मिलने पर संबंधित बहुमंजिला भवन कंटेनमेंट जोन के रूप में चिह्नित होगा। हालांकि ऐसी स्थिति में स्थानीय प्रशासन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी की सलाह के अनुसार जरूरी निर्णय लिया जा सकता है।
नई गाइडलाइन की मुख्य बातें
1-कंटेनमेंट जोन में चिह्नित संभावित रोगी का 24 घंटे में सैंपल लेना अनिवार्य होगा।
2- अंतिम पॉजिटिव केस का सैंपल लेने की तिथि से 14 दिन तक संबंधित क्षेत्र कंटेनमेंट जोन रहेगा। उसके बाद केस न मिलने पर क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन की सूची से निकाल दिया जाएगा।
3-कंटेनमेंट जोन को सूचीबद्ध कर इसकी सूची को रोजाना शाम छह बजे तक जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय को उपलब्ध कराना होगा।
4-कोविड की प्रत्येक टीम में स्वास्थ्य विभाग, शहरी क्षेत्र में स्थानीय निकाय, ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम विकास या पंचायतीराज और स्थानीय प्रशासन से एक मिलाकर कुल तीन सदस्य होंगे।
5- प्रत्येक पांच टीमों पर एक सुपरवाइजर बनाया जाएगा, जो कि अपने अधीन पांचों टीम का काम समाप्त होने के बाद सभी सूचनाओं का संकलन कर जिला सर्विलांस अधिकारी को उपलब्ध कराएगा। वह जिले की सूचना इकट्ठी कर राज्य मुख्यालय को भेजेंगे।
6-टीम के सदस्य अपने-अपने क्षेत्र में घर-घर जाएंगे। खांसी, जुकाम, बुखार, सांस लेने में परेशानी आदि लक्षण वाले रोगियों को चिह्नित कर ऐसे रोगियों का नाम, पूरा पता, मोबाइल नंबर और लक्षणों का विवरण लेंगे।