जेट एयरवेज के मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी सरकार

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नागर विमानन मंत्री ने कहा कि यह जेट एयरलाइन लिमिटेड किस तरह से अपना कारोबार बढ़ाने के लिए फंड जुटाने और अपने ऑपरेशन को फिर से बहाल करने की  व्यवस्था करती है, यह उसका निजी मामला है।



नई दिल्ली, 11 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में कहा कि किसी निजी विमानन कंपनी के मामले में हस्तक्षेप करने का सरकार का इरादा नहीं है। पुरी ने यह बात आर्थिक संकट की वजह से अस्थायी तौर पर परिचालन बंद कर चुकी जेट एयरवेज लिमिटेड के लिए फंड जुटाने से संबंधित पूछे गए एक पूरक सवाल के जवाब में गुरुवार को कही। उन्होंने कहा, सरकार इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी।
नागर विमानन मंत्री ने कहा कि यह जेट एयरलाइन लिमिटेड किस तरह से अपना कारोबार बढ़ाने के लिए फंड जुटाने और अपने ऑपरेशन को फिर से बहाल करने की  व्यवस्था करती है, यह उसका निजी मामला है। उल्लेखनीय है कि जेट ने 17 अप्रैल को अस्थायी तौर पर परिचालन बंद कर दिया था। इसकी वजह यह थी कि एसबीआई के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह ने जेट एयरवेज को अपना परिचालन जारी रखने के लिए मदद देने से इंकार कर दिया था। जेट एयरवेज पर फिलहाल बैंकों का 8,400 करोड़ रुपये बकाया है। कर्मचारियों को पिछले छह महीने से वेतन नहीं मिला है। यह रकम करीब 1000 करोड़ रुपये है। किराये पर विमान देने वाले कंपनियों की लीज अमाउंट के तौर पर 1000 करोड़ रुपये की राशि भी बकाया है। फिलहाल, जेट एयरवेज का  मामला एनसीएलटी में विचाराधीन है। फैसला तीन महीने में आना है।

 


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