नई दिल्ली, 31 मार्च (हि.स.)। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ तनाव के बीच भारत ने एक इंच जमीन नहीं गंवाई है और न भविष्य में खोएंगे। उन्होंने कहा कि हम उसी जगह हैं, जहां हम वार्ता शुरू करने से पहले थे। उन्होंने कहा कि सेना की आंतरिक जांच के बाद अब भर्ती घोटाला की जांच सीबीआई को सौंपी गई है। अगर सेना में किसी की गलत तरीके से भर्ती हुई है, तो जांच के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया जायेगा।
सेना प्रमुख ने कहा कि चीन से विवाद के पहले भारत का जिन इलाकों पर अधिकार था, वो अब भी बना हुआ है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि चीन के साथ समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में पैन्गोंग झील क्षेत्र से सैनिकों के हटने के बाद भारत के लिए खतरा केवल ‘कम हुआ’ है, लेकिन यह बिल्कुल खत्म नहीं हुआ है। जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि 9वें दौर की बातचीत के बाद समझौते के तहत दोनों सेनाएं अपनी-अपनी जगह पर लौट गई हैं। उन्होंने साफ कहा कि हमने अपनी कोई जमीन नहीं खोई नहीं है बल्कि हम बातचीत के जरिए आगे बढ़ रहे हैं। अब चीन के साथ एलएसी के अन्य विवादित क्षेत्रों गोगरा और हॉट स्प्रिंग को लेकर बात चल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे सामने हमेशा चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर चुनौती बनी रहती है, इसलिए दोनों सरहदों पर हमेशा तैयार रहना पड़ता है।
उन्होंने पाकिस्तान की सीमा के बारे में कहा कि फरवरी के आखिरी में दोनों देशों के डीजीएमओ स्तर की हुई बातचीत में सीमा पर गोलीबारी रोकने को लेकर सहमति बनी थी। उसके बाद से अब तक सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर का उल्लंघन नहीं हुआ है। जनरल नरवणे ने कहा कि सीमा पार से फायरिंग रुकने के बाद एलओसी पर शांति तो है लेकिन आतंकी कैम्प अभी भी मौजूद हैं, जिनसे बर्फ पिघलने के सात ही घुसपैठ की कोशिश भी हो रही है। हालांकि सीजफायर समझौते से आतंकी काफी हताश हैं, फिर भी कश्मीर में हाल ही में कुछ आतंकी घटनाएं हुई है। अभी भी घाटी में युवा आतंकी संगठनों में शामिल हो रहे हैं लेकिन हमारा प्रयास युवाओं को आतंकवादियों के बहकावे में आकर गलत रास्ते पर जाने से रोकना है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर की घाटी में पर्यटकों की संख्या भी बढ़ रही है।
सेना में अधिकारियों की भर्ती के दौरान घोटाला होने के बारे में सेना प्रमुख ने कहा कि सेना की आंतरिक जांच के बाद यह मामला सीबीआई को सौंपा गया है। सीबीआई ने जांच शुरू करके दिल्ली कैंट स्थित बेस अस्पताल, सेना के कपूरथला, बठिंडा, दिल्ली, कैथल, पलवल, लखनऊ, बरेली, गोरखपुर, विशाखापत्तनम, जयपुर, जोरहाट और चिरांगों स्थित अन्य प्रतिष्ठान में कई जगहों पर छापेमारी भी की थी। इस मामले में 17 सैन्यकर्मियों सहित 23 व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इनमें छह लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के अधिकारी और उनके रिश्तेदार भी शामिल हैं। इस मामले पर जनरल नरवणे ने कहा कि अगर सेना में किसी की गलत तरीके से भर्ती हुई है, तो जांच के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया जायेगा।