नई दिल्ली, 31 दिसम्बर (हि.स.)। भारत की कूटनीतिक यात्राओं के क्रम में दक्षिण कोरिया की तीन दिवसीय यात्रा पर गए भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का दौरा पूरा हो गया है। इस यात्रा के दौरान उन्होंने कोरिया गणराज्य के वरिष्ठ सैन्य और नागरिक नेतृत्व से मुलाकात की और भारत-कोरिया रक्षा संबंधों को आगे बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा की। सेना प्रमुख की यह यात्रा इस मायने में भी ऐतिहासिक रही है कि पहली बार भारत के सेना प्रमुख दक्षिण कोरिया के दौरे पर गए थे।
जनरल एमएम नरवणे ने 28 दिसम्बर को सियोल के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में कोरियाई युद्ध के दिग्गजों को श्रद्धांजलि देकर कोरिया गणराज्य की अपनी तीन दिनों की आधिकारिक यात्रा शुरू की। इस यात्रा का उद्देश्य देशों के बीच रणनीतिक और रक्षा सहयोग को और मजबूत करना है। पहले दिन ही सियोल में भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा कि सेना प्रमुख नरवणे की यह यात्रा दोनों देशों के बीच रणनीतिक और रक्षा सहयोग में वृद्धि का प्रतीक है। इसी दिन उन्होंने सियोल में वॉर मेमोरियल का भी दौरा किया। उन्होंने कहा कि हमें 60 पैरा फील्ड एम्बुलेंस द्वारा मानवीय सहायता और कोरियाई युद्ध के दौरान भारत के कस्टोडियन फोर्स का योगदान याद है।
यात्रा के दूसरे दिन 29 दिसम्बर को जनरल एमएम नरवणे को कोरिया गणराज्य के आरओके सेना मुख्यालय गायरॉन्ग में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसी दिन जनरल ने कोरिया गणराज्य सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल नाम येओंग शिन से मुलाक़ात करके द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कोरिया के 30वें बख्तरबंद ब्रिगेड और डीएमजेड गणराज्य का दौरा किया। उन्होंने तीन दिवसीय यात्रा के दौरान कोरिया गणराज्य के वरिष्ठ सैन्य और नागरिक नेतृत्व से मुलाकात की और भारत-कोरिया के रक्षा संबंधों को बढ़ाने के लिए चर्चा की। सेना प्रमुख ने नरवणे ने कोरिया के राष्ट्रीय रक्षामंत्री, सेना प्रमुख, ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष तथा रक्षा अधिग्रहण कार्यक्रम प्रशासन (डीएपीए) के मंत्री से भी मुलाकात करके भारत-कोरिया गणराज्य के रक्षा संबंधों को आगे बढ़ाने के तरीकों के बारे में विचार-विमर्श किया। कोरियाई सेना प्रमुख से मुलाकात के दौरान नरवणे ने आपसी हित के मामलों पर चर्चा की है।
सेना प्रमुख नरवणे ने इन्जे कंट्री में कोरिया कॉम्बैट ट्रेनिंग सेंटर, गैंगवॉन प्रांत और डेयजोन में एडवांस डिफेंस डेवलपमेंट (एडीडी) का भी दौरा किया। जनरल नरवणे ने बुधवार को दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री सुह वूक, संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष वोन-चूल, रक्षा अधिग्रहण कार्यक्रम प्रशासन के प्रमुख कांग इउन-हो और उनके समकक्ष नाम येओंग-शिन के साथ मुलाकात की। दरअसल दक्षिण कोरिया के अस्तित्व पर भी चीन खतरे के रूप में देखा जा रहा है, इसलिए सेना प्रमुख की इस यात्रा के कई राजनीतिक और कूटनीतिक मतलब निकाले जा रहे हैंं। दौरे के आखिरी दिन जनरल एमएम नरवणे की पत्नी श्रीमती वीना नरवणे और उनके साथ गए अन्य प्रतिनिधियों ने कोरियाई नर्स एसोसिएशन (केएनए) रिपब्लिक ऑफ कोरिया का दौरा किया और एसोसिएशन द्वारा किये जा रहे मानवता के कार्यों की सराहना की।