रिलायंस जियो प्‍लेटफॉर्म में जनरल अटलांटिक निवेश करेगी 6598 करोड़ रुपये

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नई दिल्‍ली, 17 मई (हि.स.)। फेसबुक, सिल्‍वर लेक और विस्‍ता इक्विटी के बाद 4 हफ्ते के अंदर जनरल अटलांटिक रिलायंस जियो प्‍लेटफॉर्म में निवेश 6598 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कोविड-19 की महामारी और देशव्‍यापी लॉकडाउन के बीच रिलायंस जियो को लगातार निवेशक मिल रहा है। मुकेश अंबानी ने दुनिया भर के निवेशकों को कंपनी में निवेश करने के लिए निवेश करने के लिए आकर्षित किया है।

अमेरिकन प्राइवेट इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक ने रविवार को कहा है कि वह रिलायंस इंडस्‍ट्रीज लिमिटेड (आरआइएल) की जियो प्‍लेटफॉर्म में 1.34 फीसदी की  हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की है। ये अमेरिकी कंपनी जियो प्‍लेटफॉर्म में इसके लिए 6,598.38 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। गौरतलब है कि पिछले 4 हफ्ते में रिलायंस जियो कंपनी में यह चौथा निवेश होगा।
मुकेश अंबानी की आरआइएल ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी है, जिसमें कहा गया है कि जनरल अटलांटिक का किसी भी एशियाई कंपनी में ये सबसे बड़ा निवेश है। जियो प्‍लेटफॉर्म की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह निवेश  जियो के अगली पीढ़ी के सॉफ्टवेयर उत्पाद और प्‍लेटफॉर्म पर फिर से मोहर लगाने वाला है।
इस ऐलान के मुताबिक जनरल अटलांटिक ने जियो की इक्विटी वैल्यू 4.91 लाख करोड़ रुपये और एंटरप्राइज वैल्यू 5.16 लाख करोड़ रुपये लगाई है। निवेश के बाद उसका कंपनी में हिस्सेदारी 1.34 फीसदी होगी। इस निवेश के साथ ही पिछले एक महीने में मुकेश अंबानी कुल 67 हजार 194 करोड़ रुपये का निवेश जुटा लेंगे।
गौरतलब है कि इससे पहले 22 अप्रैल को जियो प्लेटफॉर्म्स ने फेसबुक के साथ 43,574 करोड़ रुपये की डील का ऐलान किया था, जिसके बाद जियो प्‍लेटफॉर्म  की 9.9 फीसदी हिस्सेदारी फेसबुक के पास चली गई। फेसबुक जियो प्‍लेटफॉर्म  का सबसे बड़ा शेयर होल्डर है।
उसके बाद अमेरिका की प्राइवेट इक्विटी फर्म सिल्वर लेक के बीच हुई है। ये डील 5,656 करोड़ रुपये की है। सिल्वर लेक टेक्नोलॉजी में निवेश करने के मामले में ग्लोबल लीडर है, जिसके बाद करीब 43 अरब डॉलर की असेट है और इसके पास दुनिया के बेहतर ऑपरेटिंग प्रोफेशनल की टीम है।
इसके अलावा प्राइवेट इक्विटी कंपनी विस्टा इक्विटी पार्टनर्स ने जियो प्‍लेटफॉर्म  में 11,367 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की है। इसके बाद विस्टा के निवेश से जियो प्लेटफॉर्म में उसकी हिस्सेदारी 2.32 फीसदी हो जाएगी।
उल्‍लेखनीय है कि आरआइएल भारत की निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी है। वित वर्ष 2019-20 में इसका टोटल टर्नओवर 6,59,205 करोड़ (87.1 बिलियन डॉलर) रहा था। कैश प्रॉफिट 71,446 करोड़ (9.4 अरब डॉलर) और नेट प्रॉफिट 39,880 करोड़ (5.3 अरब डॉलर) रहा था। फॉर्च्यून ग्लोबल 500 लिस्ट में यह रेवेन्यू और प्रॉफिट के आधार पर 106वें नंबर की कंपनी है।


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