नई दिल्ली, 01 सितंबर (हि.स.)।भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी का 6 साल के निचले स्तर 5 फीसदी पर आ जाना निवेश एवं उपभोक्ता मांग में बड़ी कमी को दर्शाता है।
देश की जीडीपी वृद्धि दर की सुस्त रफ्तार पर चिंता जाहिर करते हुए फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर के हालिया आंकड़े उम्मीद से कमतर हैं, जो उपभोग, निवेश और मांग में ज्यादा कमी को दिखाते हैं।
शनिवार को फिक्की की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार सोमानी ने उम्मीद जाहिर की है कि देश की अर्थव्यवस्था को सुस्ती के दौर से निकालने और उसे बेहतर स्थिति में लाने के लिए केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक की ओर से उठाए जा रहे फैसले कारगर साबित होंगे।
सोमानी ने कहा कि बड़े पैमाने पर बैंकों के विलय की योजना, एफडीआई नियमों को उदार बनाए जाने और प्रोत्साहन पैकेज जैसे फैसले काफी व्यापक हैं, जो अर्थव्यवस्था की मुख्य समस्याओं के हल से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि निर्मला सीतारमण के इस कथन से उद्योग जगत का भरोसा बढ़ा है कि बैंकों को दी जा रही 70 हजार करोड़ रुपये की पूंजी सिर्फ कर्ज की सुविधाएं बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जाएगी।