मूडीज ने भी घटाया भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान

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मूडीज ने भारत का जीडीपी ग्रोथ 6.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। कुछ दिन पहले ही मूडीज ने भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.8 फीसदी की दर से आगे बढ़ने का अनुमान जताया था।



मुंबई, 23 अगस्त (हि.स.)। देश आर्थिक सुस्‍ती के दौर से गुजर रहा है। नीति आयोग के अध्यक्ष ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। इस बीच, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटा दिया है। मूडीज ने भारत का जीडीपी ग्रोथ 6.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। कुछ दिन पहले ही मूडीज ने भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.8 फीसदी की दर से आगे बढ़ने का अनुमान जताया था। लेकिन नए आंकड़ों को देखने के बाद उसने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 0.6 फीसदी कम कर दिया है। नोमुरा ने भी अपनी रिपोर्ट में जीडीपी अनुमान को घटा दिय़ा था। हालांकि केंद्र सरकार जीडीपी दर के 8 फीसदी के होने की बात कह रही है।

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती ने एशियाई निर्यात पर प्रतिकूल असर डाला है और कारोबार में जारी अनिश्चितता के माहौल ने विदेशी निवेश पर भी असर डाला है। एजेंसी ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी विकास दर अनुमान को 7.30 से घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया है। एक हफ्ते के भीतर भारत की अर्थव्यवस्था को दूसरी बार झटका लगा है। जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने भी जीडीपी ग्रोथ को लेकर भारत को झटका दिया है। नोमुरा ने भारत की आर्थिक वृद्धि जून तिमाही में 5.7 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया है।

नोमुरा की रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्विस सेक्‍टर में सुस्‍ती, कम निवेश और खपत में गिरावट से जीडीपी ग्रोथ में कमी आई है। उपभोक्ताओं का विश्वास कम हो रहा है और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में भी गिरावट आई है।

क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था इन दिनों भारी सुस्ती के दौर से गुजर रही है। देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में जहां प्रोडक्‍शन और सेल्‍स में लगातार गिरावट आ रही है, तो वहीं एफएमसीजी और टेक्‍सटाइल सेक्‍टर में भी मंदी जैसे हालात दिखाई दे रहे हैं। पिछले एक साल में आठ लाख नौकरियां इन सेक्टरों से जा चुकी हैं।

 


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