भू-माफिया पर नकेल गाजियाबाद में ,पीपी एक्ट में कार्रवाई की रणनीति नगर निगम बना रहा
गाजियाबाद, 04 अप्रैल(हि.स.)। ग़ाज़ियाबाद में भू-माफिया पर नकेल कसने के लिए नगर निगम से लेकर प्रशासन तक सक्रिय हो गया है। इसी कड़ी में नगर निगम ने कई दर्जन माफियाओं को चिन्हित किया है। यह भू-माफिया वे हैं जो निगम की जमीन को अपने दादा इलाई बताकर कर गरीब लोगों को बेच देते हैं और राजनीति में आ जाते हैं। जिला प्रशासन भी भू-माफियाओं के प्रति सख्त है।
जिलाधिकारी डॉ अजय शंकर पांडे ने स्वयं कई ऐसे मामलों को पकड़े हैं, जिसमें माफिया व सरकारी तंत्र की मिलीभगत पाई गई है। ताजा मामला ट्रांस हिंडन क्षेत्र के गांव करहेड़ा और मेवला आगरी में सक्रिय भू-माफिया पर नगर निगम का फोकस है। यहां पर नगर निगम की सैकड़ों बीघा जमीन भू-माफियाओं ने प्राइवेट लोगों को बेच डालने की शिकायत नगर निगम को मिली है। नगर निगम ने इन भू-माफियाओं की नकेल कसने के लिए प्रॉपर्टी प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत अपराधिक मामला दर्ज करने का निर्णय लिया है। इस अधिनियम के तहत साढ़े 7 वर्ष की कैद और जुर्माने का प्रावधान है।
नगर निगम ने पड़ताल के बाद करहेडा और मेंवला आगरी में एक दर्जन से भी अधिक भू-माफियाओं को चिन्हित किया है। जिनपर नगर निगम यह कार्रवाई करने जा रहा है। हालांकि हिंडन नदी के तट पर स्थित मेवला आगरी और गांव करहेड़ा में बड़े पैमाने पर नगर निगम की जमीन इन माफियाओं से मुक्त कराया गया है, जिसकी कीमत लगभग 50 करोड़ से अधिक की बताई गई है।
खास बात यह है कि इन भू-माफियाओं ने गरीब लोगों को अपनी जमीन के खसरे से प्लॉट की रजिस्ट्री की और बाद में इन लोगों को नगर निगम की जमीन पर कब्जा दे दिया। इसके अलावा थाना नंद ग्राम के मरियम नगर, विजय नगर इलाके में भी सैकड़ों लोग इन माफियाओं से पीड़ित हैं, जिन्हें भूमाफिया ने नगर निगम की जमीन ही बेच डाली।
पिछले दिनों पीड़ित लोगों ने मेयर आवास पर जाकर प्रदर्शन भी किया था। भूफ़ियाओं का खेल अभी भी रुक नही पा रहा है। चूंकि गाजियाबाद में मेट्रो रेल और एलिवेटेड रोड बनने के बाद एकाएक जमीनों की कीमतें बढ़ी हैं। इसी का फायदा उठाकर भूमाफिया भोले भाले लोगों को नगर निगम और जीडीए की जमीन को बेच रहे हैं। जीडीए ने भू-माफियाओं के खिलाफ पिछले तीन महीनों में बड़े पैमाने पर कार्यवाही की है और उनके चुंगल से अपनी जमीन भी मुक्त कराई है। अभी तक भू-माफियाओं के खिलाफ ठोस विधिक कार्यवाही नहीं हुई थी, जिसके कारण भू-माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।
अपर नगर आयुक्त आर.एन. पांडे ने बताया कि भू-माफियाओं को कसने के लिए अब नगर निगम प्रॉपर्टी प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत करवाई करेगा। इसके लिए विस्तृत योजना तैयार की जा रही है।