’गाजी शब्द का हो देश निकाला’ मुहिम पश्चिम उप्र से शुरू हुई

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मेरठ, 23 जून (हि.स.)। हिन्दुओं के हत्यारों को ‘गाजी’ की उपाधि दी जाती थी। इस ‘गाजी’ शब्द को देश निकाला देने के लिए ‘गाजियाबाद’ की धरती से आवाज उठ रही है, जिसे जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है। रसम परिवार के राष्ट्रीय संयोजक संदीप त्यागी की अगुवाई में ‘गाजी’ शब्द से बने नगरों और महानगरों के नाम बदलकर प्राचीन व सामयिक नाम पर रखने का आंदोलन खड़ा हो गया है।
सामाजिक कार्यकर्ता संदीप त्यागी एडवोकेट ने ‘गाजियाबाद’ का नाम परिवर्तन कराने की मुहिम शुरू की है। उन्होंने बताया कि इतिहास में आक्रांताओं द्वारा काफिर कहकर हत्या करने वाले दुर्दांत हत्यारों को ‘गाजी’ की उपाधि से सम्मानित किया जाता था। काफिर की श्रेणी में भारत भूमि पर केवल हिन्दू समाज ही हत्यारों के निशाने पर रहा। हिन्दुओं की हत्या करने पर ‘गाजी’ की उपाधि दी जाती थी, इसलिए ‘गाजी’ के नाम पर बसे गांव और नगर ऐसे दुर्दांत हत्यारों या गाजियों की नाम दिलाते हैं। इनके नाम से गांवों और नगरों का नाम होने से इनको सम्मान भी मिलता है। यह हमारे पूर्वजों का अपमान है।
तीन वर्ष पूर्व वीर सावरकर जयंती पर लिया गया संकल्प
‘गाजी’ शब्द को देश निकाला अभियान का संकल्प वर्ष 2018 में 28 मई को वीर सावरकर जयंती के अवसर पर लिया गया। गाजियाबाद के हिन्दी भवन में सावरकर जयंती पर कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों ने सामूहिक रूप से संकल्प लिया और इसकी अगुवाई संदीप त्यागी ने संभाली। उस कार्यक्रम में राज्यसभा सदस्य अनिल अग्रवाल, प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग, महापौर आशा शर्मा आदि भी उस कार्यक्रम में मौजूद थे और सभी ने इस अभियान में सहयोग का आश्वासन दिया।
जनप्रतिनिधियों से मांगा जा रहा सहयोग
‘गाजी’ शब्द को देश निकाला अभियान के लिए रसम परिवार लगातार जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर रहा है। इसके लिए केंद्रीय मंत्री वीके सिंह, विधायक सुनील शर्मा, विधायक अजीतपाल त्यागी, विधायक नंदकिशोर गुर्जर, विधायक डाॅ. मंजू सिवाच, मोदीनगर नगर पालिका के अध्यक्ष अशोक माहेश्वरी, लोनी नगर पालिका के अध्यक्ष मनोज धामा आदि को ज्ञापन देकर समर्थन मांग चुके हैं। इसके साथ ही तमाम सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों के नेताओं से समर्थन मांगा जा चुका है।
विधायक सुनील शर्मा ने विधानसभा में उठाई मांग
साहिबाबाद के भाजपा विधायक सुनील शर्मा ने ‘गाजी’ शब्द को देश निकाला अभियान की मांग को विधानसभा में उठाया। उन्होंने विधानसभा में बोलते हुए कहा कि ‘गाजी’ के नाम पर बने गांव व नगरों के नामों को तत्काल परिवर्तित किया जाए। संदीप त्यागी एडवोकेट ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजकर ‘गाजी’ शब्द को परिवर्तित करके प्राचीन संस्कृति के आधार पर नगरों के नाम बदलने की मांग की।
गाजीपुर से भी मांगा गया समर्थन
गाजियों के महिमामंडन के नाम पर केवल गाजियाबाद ही नहीं बना, बल्कि उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण जनपद ‘गाजीपुर’ का नाम भी है। संदीप त्यागी ने ‘गाजीपुर’ में जाकर वहां के सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी अपनी मुहिम में समर्थन मांगा। गाजीपुर के लोगों ने भी समर्थन देने की बात कही। इसी तरह से ‘गाजियाबाद’ के निकट दिल्ली के ‘गाजीपुर’ का नाम भी बदलने के लिए केंद्र सरकार को ज्ञापन भेजा जा चुका है।
टोल फ्री नंबर पर मांगा जा रहा समर्थन
अभियान से जुड़े अशोक भारतीय ने बताया कि गाजी शब्द हटाने की मुहिम को समर्थन के लिए एक टोल फ्री नंबर 9667670055 जारी किया गया है। इस नंबर पर मिस्ड काॅल करके लोगों से समर्थन जुटाया जा रहा है। अभी तक एक लाख लोगों ने इस नंबर पर मिस्ड काॅल करके अभियान को अपना समर्थन दिया है। इस अभियान को अब तेज किया जाएगा।
प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से मांगा मिलने का समय
संदीप त्यागी बताते हैं कि देश भर में इस अभियान को तेज करने की कार्ययोजना बनाई जा रही है। इसके लिए देश भर के अलग-अलग शहरों में लोगों से संपर्क किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने का समय मांगा जा रहा है, ताकि इस मांग को उनके सामने रखा जा सकें।
मेट्रो स्टेशन का नाम बदलने में मिली सफलता
गाजियाबाद में न्यू बस अड्डे पर बसे मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर शहीद स्थल करने के लिए रसम परिवार ने लंबा अभियान चलाया। जिसमें लोगों का समर्थन मिला। इसके बाद प्रदेश सरकार ने मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर शहीद स्थल कर दिया।

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