पटना, 26 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल संसाधन विभाग की 23 योजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और सात योजनाओं का शिलान्यास, कार्यारंभ किया। इनमें सिंचाई और बाढ़ प्रक्षेत्र की कई अति महत्वाकांक्षी योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं की कुल लागत 1470 करोड़ रुपए है। इस मौके पर नीतीश ने कहा कि गया और बोधगया ऐतिहासिक भूमि है। गया में जल संकट दुर्भाग्यपूर्ण है। हमलोग शुरू से चाह रहे थे कि गंगा नदी का पानी गया तक पहुंचा दें ताकि जल संकट न हो। बाद में देखा कि राजगीर तक में जहां इतना कुंड है, वहां भी पानी की कमी हो गई। कुंड सूखने लगे। इसके चलते तय किया कि पानी राजगीर भी पहुंचाया जाए और बीच में नवादा पड़ता है तो उसे भी पानी मिलेगा।
नीतीश ने कहा कि जल जीवन हरियाली अभियान में गंगा जलउद्भव योजना बनाई। इस योजना पर काम शुरू हो गया है। पता नहीं कैसे लोग जल संसाधन विभाग में योजना बनाने के लिए बैठे हैं। मैंने कहा था कि मोकामा के पास से पानी जाएगा। शुरू में ये लोग पटना कह रहे थे। मैंने कहा कि पटना से पानी नहीं जाएगा। इसके बाद इनलोगों ने बख्तियारपुर के बगल में जगह खोज ली। बाद में जब इनलोगों ने पूरा आकलन किया तब पता चला कि जहां (मोकामा के पास) हम बताए थे वहीं से पानी ले जाना पड़ेगा। मोकामा से हमलोग पूरे साल पानी राजगीर, गया और बोधगया नहीं ले जाएंगे। पानी को वहां स्टोर किया जाएगा। बरसात के चार माह में हमलोग गंगा नदी से पानी ले जाएंगे और उसे स्टोर कर रखेंगे। वही पानी गया, नवादा और नालंदा जिले में साल भर इस्तेमाल होगा।
29 को फिर स्पॉट पर जाएंगे और देखेंगे किस तरह से हो रहा काम
नीतीश ने कहा कि जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों ने पानी ले जाने के लिए पता नहीं कैसा रूट बनाने की प्लानिंग कर ली थी। मैंने चीफ सेक्रेटरी और जल संसाधन विभाग के लोगों को लेकर एरियल सर्वे कराया तब पता चला कि रूट गलत है। पता नहीं योजना बनती है तो कौन लोग क्या करते रहते हैं। हमें इनलोगों को ले जाकर फिर एरियल सर्वे कर बताना पड़ा कि पानी ले जाने के लिए यह रूट फॉलो करिए तब काम हो पाएगा। हमने तय किया है कि 29 तारीख को फिर स्पॉट पर जाएंगे और देखेंगे। काम किस तरह से हो रहा है। कौन काम पहले हो रहा है। मंत्री जी और सचिव महोदय एक बात जान लीजिए कभी-कभी क्या होता है कि आप टेंडर दे देते हैं। कुछ काम पहले हो जाता है और बाद में कुछ काम पेंडिंग रह जाता है। इससे पैसे का दुरुपयोग होता है।
फिर कहा, हर खेत को पानी पहुंचाना हमारा लक्ष्य
नीतीश कुमार ने एक बार फिर कहा कि हर खेत तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाना उनका लक्ष्य़ है, जिसे वो अगले कार्यकाल में पूरा करेंगे। सीएम ने उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार के विकास में जल संसाधन विभाग की बड़ी भूमिका है। बाढ़ और सूखा बिहार की बड़ी समस्या है। जल संसाधन मंत्री संजय झा की अध्यक्षता में हुए इस आयोजन में, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और पूर्व जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह समेत कई नेता भी मौजूद थे।
फिजिकल मॉडलिंग सेंटर की स्थापना
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तहत वीरपुर और सुपौल में एक फिजिकल मॉडलिंग सेंटर की स्थापना की जा रही है। पहले जब भी किसी नदी से जुड़ी योजना पर कार्य होता था तब, जल संसाधन विभाग के इंजीनियर को सीडब्ल्यूपीआरएस पुणे जाना पड़ता था। बिहार में भारत के दूसरे भौतिक प्रतिमान केंद्र की स्थापना के बाद हिमालय से बहने वाली नदियों से होने वाले बाढ़ की समस्या के निदान के साथ-साथ, सिंचाई सृजन परियोजना के मॉडलिंग का कार्य अब यही हो जाएगा। इससे ना केवल बिहार बल्कि उत्तर भारत के सभी राज्यों को मॉडलिंग संबंधित सुविधा प्राप्त होगी।
प्रमुख योजनाएं
- फिजिकल मॉडलिंग सेंटर वीरपुर के असैनिक कार्य का शुभारंभ
- पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के अवशेष और पुनःस्थापन का कार्य
- ढाढर अपसरण योजना का भी किया उद्घाटन
- वैशाली जिला के विश्व शांति स्तूप के निकट वैशाली शाखा नहर से प्रेशर पाइप द्वारा सरोवर जलापूर्ति योजना का कार्य
- मधुबनी में कोसी नदी के दाएं किनारे स्थित विस्तारित सिकरहट्टा-मंझारी निम्न बांध के परसौनी से महिषा तक 4.6 किलोमीटर की लंबाई में निर्माण