गया के चुनाव परिणाम का होगा दूरगामी असर

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गया के चुनाव परिणाम का होगा दूरगामी राजनीतिक असर



गया, 22 मई (हि.स) गया(सु) संसदीय चुनाव क्षेत्र के चुनाव परिणाम का दूरगामी असर होगा।गया जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी की परपंरागत  सीट रही है लेकिन इस बार भाजपा अपने परपंरागत चुनाव मैदान से बाहर है। एनडीए की ओर से जदयू के विजय मांझी गया लोक सभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। महागठबंधन की ओर से यहां से पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी मैदान में हैं।

गया लोक सभा सीट के चुनाव परिणाम का दूरगामी असर बिहार की राजनीति में होगा।यदि जदयू गया सीट को नरेंद्र मोदी के अंडर करेंट और भाजपा के वोटबैंक से निकाल लेने मे कामयाब रहा तब कोई बात नही होगी।अन्यथा भाजपा नेतृत्व को कार्यकर्ताओं को जबाब देना मुश्किल हो जाएगा।
 दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का राजनीतिक भविष्य भी यह चुनाव तय कर देगा।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को हराने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गया में कई चुनावी सभाएं कीं।
 नीतीश कुमार का भ्रष्टाचार और विधि-वयवस्था को लेकर कोई समझौता नहीं का “जीरो टालरेंस” की बात रही है।
 लेकिन जीतनराम मांझी को चुनावी शिकस्त देने के लिए नीतीश कुमार ने अपनी “जीरो टालरेंस”की नीति को दरकिनार कर देशद्रोह के आरोपी बिंदेश्वरी प्रसाद यादव उर्फ बिंदी यादव.के साथ बेलागंज,बाराचट्टी और.वजीरगंज की चुनावी सभा में शिरकत की।

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