अंबाला, 31 जुलाई, (हि.स.)। छावनी सदर थाना अंतर्गत गांधी मार्केट में बुधवार सुबह नौ बजे कुछ हथियारबंद लोगों ने गैंगस्टर रणदीप राणा के पिता काका सिंह पहलवान को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। वह सैर के बाद रोजाना की तरह एक दुकान के बाहर बैठकर चाय पी रहे थे। मृतक काका पहलवाना हरियाणा पुलिस से सेवानिवृत्त है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक एक मारुति कार से हथियारों से लैस चार लोग आए और उनमें से तीन काका को गोलियों से भूनकर भाग गए। इससे बाजार में हड़कंप मच गया। लहुलूहान हालत में उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन वे दम तोड़ चुके थे। सूचना पाकर डीएसपी रामकुमार, सीआईए-टू इंचार्ज सुभाष, सीआईए-वन इंचार्ज संदीप कुमार और छावनी सदर थाना प्रभारी नरेंद्र राणा मौके पर पहुंचे।फॉरेंसिक क्राइम एक्सपर्ट डा. जीआर जैन को भी मौके पर बुलाया गया।
छावनी सदर थाना पुलिस काका की हत्या को करीब पांच साल पहले महेश नगर थाना क्षेत्र में हुए पाला सरपंच हत्याकांड से जोड़कर देख रही है। पाला सरपंच हत्याकांड में गैंगस्टर रणदीप राणा और उसके सहयोगियों को अदालत सजा सुनी चुकी है। वह जेलों में सजा काट रहे हैं। काका की हत्या से अंबाला में गैंगवार की आशंका के मद्देनजर पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है।
डीएसपी रामकुमार का कहना है कि गांधी मार्केट में पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त काका सिंह की मारुति कार सवार बदमाशाों ने गोली मारकर हत्या कर दी है। उनका बेटा रणदीप राणा व सहयोगी पालाराम हत्याकांड में सजा काट रहे हैं। हत्यारों की पहचान व गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। हत्या का कारण पुरानी रंजिश सामने आया है।
ये है सरपंच पालाराम हत्याकांडः वर्ष 2014-15 में सरपंच पालाराम का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई थी। प्रभु प्रेमपुरम से उन्हें अगवा करने के बाद उनके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर नहर में फेंक दिए गए थे। वारदात में रणदीप राणा, उसके चचेरे भाई रज्जी सहित आठ सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया था। पिछले वर्ष अदालत ने सभी को दोषी करार देते हुए 20 साल कैद की सजा सुनाई थी। रणदीप शहर सेंट्रल जेल व बाकी करनाल, कुरुक्षेत्र व अन्य जेलों में बंद हैं।