गांधीनगर/अहमदाबाद, 09 नवम्बर (हिस.)। राज्य में भूमिगत सीवर लाइन की सफाई के दौरान सफाईकर्मियों के साथ गैस से होने वाले हादसों को रोकने के लिए राज्य सरकार ने यहां एक नई पहल शुरू की है। अब सीवर मैनहोलों को साफ करने के लिए रोबोट का उपयोग किया जायेगा। कंप्यूटर से संचालित इस रोबोट प्रणाली का आज उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने अनावरण किया।
सोमवार को गांधीनगर में नगर निगम को शहर में जल निकासी के लिए सीवर सफाई के लिए साबरमती गैस कंपनी ने एक बैंडिकूट रोबोट सौंपा। इस रोबोट की खासियत यह है कि यह गटर में 24 फीट तक गहराई तक जाकर सफाई कर सकता है। कंप्यूटर संचालित रोबोट को बाहर बैठे ऑपरेटर द्वारा संचालित किया जाएगा। आज इस रोबोट का अनावरण उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने किया। इस मौके पर पटेल ने कहा कि गुजरात सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छता अभियान को पूरा करने के लिए राज्य के नगर निगमों को मुफ्त में कई उपकरण प्रदान किए हैं। यदि इस रोबोट का प्रयोग सफल होता है, तो इसके विस्तृत अध्ययन के बाद इसे राज्य सरकार द्वारा निकट भविष्य में निगमों और नगरपालिकाओं को प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह रोबोट कई सफाईकर्मियों की जान बचा सकता है। मैनुअल स्क्वीजी और ड्राई लैट्रिन निषेध अधिनियम के निर्माण के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के निर्णय और सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के दिशानिर्देशों के तहत मैनुअल स्कैवेंजिंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन्होंने कहा कि भारत के 11 राज्यों में सीवर मैनहोल की सफाई के लिए लगभग 45 रोबोट का उपयोग किया जा रहा है। राज्य में भी सूरत नगर निगम इस तरह के रोबोट का उपयोग कर रहा है। अब रोबोट से सीवर के मैनहोल को साफ करने के लिए गांधीनगर शहर गुजरात का दूसरा शहर बन गया है।
उन्होंने बताया कि ड्रेनेज मैनहोल बेंडिकट रोबोट चार कैमरों से लैस है, इसलिए मैनहोल के अंदर की मिट्टी, पत्थर व ईंट आदि को आसानी से साफ किया जा सकता है। रोबोट की कीमत 38 लाख रुपये है। लेकिन साबरमती गैस कंपनी, अहमदाबाद ने गांधीनगर शहर के जल निकासी विभाग को बैंडिकूट रोबोट को कंपनी ने अपने सीएसआर फंड से दिया है। उन्होंने बताया कि यह 24-25 फीट की गहराई तक सफाई कर सकेगा। रोबोट के प्रयोग से मानव जीवन को बचाया जा सकता है।