नई दिल्ली, 17 जून (हि.स.)। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात हुई हिंसक झड़प के बाद चार भारतीय सैनिकों की हालत गंभीर है। इसके अलावा चार अधिकारियों सहित कई भारतीय सैनिक अभी भी लापता हैं। उन्हें चीनी सेना द्वारा बंदी बनाये जाने या फिर हिंंसक झड़प के दौरान घाटी के पास नाले में गिरने की आशंका जताई जा रही है। अमेरिका ने हिंसक झड़प पर भारत-चीन से बात करके कहा है कि दोनों देश शांंति चाहते हैं।
सूत्रों के मुताबिक भारत-चीन की सीमा एलएसी पर तैनात भारतीय सशस्त्र बलों को ‘फ्री हैंड’ करने के साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि भारतीय सेना एक इंच पीछे नहीं हटेगी, क्योंकि हम अपने इलाके में हैं। चीन ने एलएसी को एकतरफा बदलने की कोशिश की थी और भारत ऐसा करने की अनुमति नहीं देगा। चीन विवाद के बाद आईटीबीपी को 180 पोस्ट पर अलर्ट किया गया है।
गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ सोमवार रात को हुई हिंसक झड़प में भारत के कम से कम 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए हैैंं। अभी यह संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि चार अधिकारियों सहित कई भारतीय सैनिकों के अभी भी लापता होने की जानकारी मिल रही है। दूसरी तरफ इस हिंसक झड़प में चीन के 43 सैनिकों के हताहत होने की खबर पर अभी तक चीन की तरफ से कोई अधिकृत बयान नहीं आया है।हालांकि चीन अपने घायल या मारे गए सैनिकों के शव गलवान घाटी से एयरलिफ्ट कर रहा है। चीन के कई हेलीकॉप्टर एलएसी के करीब घटनास्थल से चीनी सैनिकों के शव बरामद करके ले जा रहे हैं। अमेरिकी खुफिया का मानना है कि इस घटना में 35 चीनी सैनिकों की मौत हुई है।
इस हिंसक झड़प में शहीद हुए महज 26 साल के कुंदन कांत ओझा दो सप्ताह से लद्दाख रेंज के गलवान घाटी में तैनात थे। मंगलवार की दोपहर तीन बजे भारतीय सेना के एक अधिकारी ने फोन कर कुंदन के शहीद होने की सूचना दी। तब से पूरे घर में मातम है। उनकी मां भवानी देवी का कहना है कि मेरा बेटा चीन के बॉर्डर पर शहीद हो गया लेकिन सरकार अभी तक चुप है। दो साल पहले उसकी शादी हुई थी और 15 दिन की नवजात पोती है, जिसका उसने अभी मुंह भी नहीं देखा था। अब मुझे मेरे बेटे के पार्थिव शरीर का इंतजार है।
चीन के साथ हिंसा में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू का पार्थिव शरीर आज शाम 4 बजे हैदराबाद पहुंचेगा। कर्नल की पत्नी और बच्चे अभी दिल्ली में हैं। ये लोग भी पार्थिव शरीर के साथ हैदराबाद जाएंगे। उधर, तमिलनाडु सरकार ने गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में अपनी जान गंवाने वाले भारतीय सेना के जवान के. पलानी के परिवार को 20 लाख रुपये का मुआवज़ा और उनके परिवार के सदस्यों में से एक को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है।