अगले पांच वर्षों में गेल 45 हजार करोड़ रुपये का करेगी निवेश: आशुतोष कर्नाटक
नई दिल्ली, 22 जनवरी (हि.स.)।देश की सबसे बड़ी गैस आपूर्ति करने वाली कपंनी गेल इंडिया लिमिटेड, पर्यावरण के अनुकूल ईंधन के अधिक उपयोग के लिए राष्ट्रीय गैस पाइपलाइन ग्रिड और शहर गैस वितरण नेटवर्क का विस्तार करने के लिए अगले पांच वर्षों में 45,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगी।
गेल इंडिया के अध्यक्ष आशुतोष कर्नाटक ने बुधवार को यहां कहा कि गैस पाइपलाइनों की योजना ईंधन को पूर्व और उत्तर-पूर्व क्षेत्रों के साथ-साथ दक्षिण में उपभोक्ताओं तक ले जाने की है। जिससे भारत के ऊर्जा बास्केट में प्राकृतिक गैस का हिस्सा बढ़ाकर 2030 तक 15 प्रतिशत तक करना है, जो वर्तमान में 6.2 प्रतिशत है। कर्नाटक ने कहा कि बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए गेल का जोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गैस आधारित अर्थव्यवस्था बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप है और अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रदूषणकारी ईंधन पर कम निर्भर है।
कर्नाटक ने कहा कि वर्तमान में देश में प्रति दिन लगभग 160 मिलियन क्यूबिक मीटर गैस की खपत है और इसकी खपत को 15 प्रतिशत की हिस्सेदारी तक पहुंचने के लिए खपत को 400 मिलियन क्यूबिक मीटर गैस तक बढ़ानी होगी। गेल वर्तमान में पाइपलाइन नेटवर्क का 12,160 किलोमीटर का परिचालन करता है और देश में बिकने वाली सभी प्राकृतिक गैसों का दो-तिहाई हिस्सा पर इसका एकाधिकार है। वर्तमान में 5,500 किलोमीटर से अधिक की पाइपलाइन परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है और इतनी ही दूरी की परियोजना प्लानिंग में है।
कर्नाटक ने कहा कि महत्वाकांक्षी उरगा गंगा परियोजना के माध्यम से बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड के साथ-साथ कोच्चि-कूटनाड-बैंगलोर-मैंगलोर लाइन से गैसों की आपूर्ति की जाएगी और इंद्रधनुश परियजना से उत्तर पूर्व के राज्यों में गैस की आपूर्ति की जाएगी। ये पाइपलाइन राष्ट्रीय गैस ग्रिड के तहत परिकल्पित आपूर्ति और मांग केंद्रों को जोड़ेगी।
कर्नाटक कहा कि पाइपलाइनों के अलावा, गेल शहर के गैस वितरण (सीजीडी) नेटवर्क का विस्तार भी कर रहा है। ताकि ऑटोमोबाइल और पाइप्ड नेचुरल गैस को घर के रसोईघरों तक पहुंचाया जा सके। पेट्रोकेमिकल संयंत्रों के विस्तार के लिए भी निवेश की योजना है। गेल अगले 3-5 वर्षों में 400 सीएनजी स्टेशन लगाने और घरेलू रसोई के लिए 10 लाख पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) कनेक्शन देने की योजना बना रहा है।
कर्नाटक ने कहा कि कंपनी उत्तर प्रदेश के जगदीशपुर से पश्चिम बंगाल के हल्दिया, झारखंड के बोकारो और ओडिशा के धामरा तक 2,655 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन का निर्माण कर रही है। उन्होंने कहा कि पटना तक पाइपलाइन पहले ही चालू हो चुकी है और बाकी परियोजना 2020 तक पूरी हो जाएगी।उन्होंने कहा कि जगदीशपुर-हल्दिया और बोकारो-धामरा प्राकृतिक गैस पाइपलाइन परियोजना, जिसे ‘प्रधान मंत्री उरगा गंगा’ परियोजना के रूप में भी जाना जाता है, का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने जुलाई 2015 में किया था। गेल ने सभी छह भौगोलिक क्षेत्रों में सिटी गैस संचालन शुरू किया था।
उन्होंने कहा कि पटना और भुवनेश्वर सहित उर्ज गंगा मार्ग से इसे सम्मानित किया गया। 750 किलोमीटर की अतिरिक्त लाइन बिछाकर गुवाहाटी तक पाइपलाइन का विस्तार किया जाएगा। गुवाहाटी में, यह सार्वजनिक क्षेत्र के तेल और गैस की बड़ी कंपनियों द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र में संचालित करने के लिए कल्पना की गई 1,500 किलोमीटर लंबी ‘इंद्रधनुश’ पाइपलाइन नेटवर्क के साथ जुड़ेगी। साथ ही गेल 600 किलोमीटर की श्रीकाकुलम-अंगुल प्राकृतिक गैस पाइपलाइन भी बिछाएगा।