राष्ट्रीय राजमार्गों से जल्द ही जुड़ जाएंगे तेलंगाना के सभी जिले: गडकरी
नई दिल्ली, 21 दिसम्बर (हि.स.)। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि जल्द ही तेलंगाना के सभी जुड़े राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ जाएंगे।
गडकरी आज वर्चुअल माध्यम से तेलंगाना में 14 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करत रहे थे। इन परियोजनाओं में 13,169 करोड़ रुपये लागत वाली 765.663 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण भी शामिल है।
गडकरी ने बताया कि पिछले 6 वर्षों के दौरान तेलंगाना में 17,617 करोड़ रुपये की लागत वाली 1918 किलोमीटर अनुमोदित लम्बी कुल 59 सड़कों के निर्माण कार्यों की मंजूरी दी गई है। इनमें से 15,689 करोड़ रुपये लागत वाली 1,782 किलोमीटर लंबी सड़कों के निर्माण की स्वीकृति पहले ही दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि आज राज्य के लगभग सभी 33 जिले राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ गए हैं। बाकी बचे पेद्दापल्ली जिले को भी जल्द ही सड़क नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले 6 वर्षों के दौरान राष्ट्रीय राजमार्गों की लम्बाई में 55.71 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य में इस अवधि के दौरान राष्ट्रीय राजमार्गों की लम्बाई में लगभग 1400 किलोमीटर बढ़ोत्तरी हुई है। सीआरआईएफ योजना के तहत राज्य के लिए अब तक 2,436 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है, जिसमें से 1483 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नये भारत के विजन के अनुरूप ‘भारतमाला परियोजना’ जैसी पहलों के माध्यम से विश्वस्तरीय परिवहन बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी गई है। तेलंगाना में ‘भारतमाला’ परियोजना के तहत विकास के लिए 1,730 किलोमीटर लम्बी परियोजनाओं की पहचान की गई है। ऐसी 14 परियोजनाओं में से 423 किलोमीटर लम्बाई की 9 परियोजनाओं का निर्माण कार्य सौंपा जा चुका है। इन परियोजनाओं की निर्माण लागत 7,400 करोड़ रुपये है।
तेलंगाना में मौजूदा गलियारे में यातायात को आसान बनाने, यात्रा में लगने वाले समय और लागत को कम करने तथा अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए ग्रीनफील्ड और पहुंच-नियंत्रित गलियारे के विकास की भी योजना बनाई गई है। इसमें सूरत, अहमदनगर, सोलापुर, कुरनूल, चेन्नई (तेलंगाना में 75 किमी लंबाई) शामिल हैं।
गडकरी ने राज्य से आर्थिक उत्पादकता के लिए कृषि में विविधता लाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश में पहले ही चीनी और चावल काअत्याधिक उत्पादन हो रहा है और सरकार के पास इनका पर्याप्त भंडार उपलब्ध है। अधिशेष भंडार से इथेनॉल बनाया जा सकता है जिसका वाहनों के लिए वैकल्पिक ईंधन के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल किसानों की आय में सुधार होगा, बल्कि यह देश के लिए ईंधन का स्वदेशी संसाधन स्रोत भी होगा।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, जनरल डॉ. वीके सिंह, तेलंगाना के सड़क और भवन, विधायी कार्य एवं आवासन मंत्री वेमुला प्रशांत रेड्डी, तेलंगाना विधानसभा के अध्यक्ष पोचराम श्रीनिवास रेड्डी, सांसदों और विधायकों के साथ-साथ केन्द्र और राज्य के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।