नई दिल्ली, 01 अप्रैल (हि.स.)। भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों के बेड़े में शामिल होने के लिए फ्रांस से 7000 किलोमीटर से अधिक की उड़ान पूरी करके तीन और फाइटर जेट राफेल बुधवार की देर रात भारत की धरती पर उतर चुके हैं। तीन विमानों का यह चौथा बैच आने के बाद ‘टू फ्रंट वार’ की तैयारियों में जुटी वायुसेना के पास 14 राफेल हो गए हैं। सात अन्य राफेल विमानों के अप्रैल माह के अंत तक भारत आने की उम्मीद है। चीन के साथ सैन्य तनाव के बीच फ्रांस से राफेल जेट की लगातार आपूर्ति से भारतीय वायुसेना की क्षमता में इजाफा हो रहा है। पूर्वी लद्दाख की सीमा पर राफेल जेट्स की तैनाती करके भारतीय वायुसेना चीन की किसी भी उकसावे वाली कार्यवाही से निपटने के लिए हाई अलर्ट पर है।
फ्रांस के इस्टर्स एयर बेस से बुधवार की शाम 5 बजे के करीब उड़ान भरने के बाद 7000 किलोमीटर से अधिक की नॉन स्टॉप यात्रा तय करके तीन फाइटर जेट राफेल देर रात भारत पहुंच चुके हैं। रास्ते में तीनों राफेल फाइटर जेट्स को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) एयरफोर्स के एयरबस 330 मल्टी-रोल ट्रांसपोर्ट टैंकरों ने ओमान की खाड़ी में मध्य हवा में ईंधन दिया। सौदे के मुताबिक 36 में से 11 विमान पहले ही भारत पहुंच चुके थे। आज तीन विमानों का चौथा बैच आने के बाद ‘टू फ्रंट वार’ की तैयारियों में जुटी वायुसेना के पास 14 राफेल हो गए हैं। सात अन्य राफेल विमानों के अप्रैल माह के अंत तक भारत आने की उम्मीद है। वायुसेना की एक टीम फ्रांस के बोर्डो में मेरिग्नैक एयरबेस पर मौजूद है जो राफेल विमानों के भारत आने की तारीख को अंतिम रूप दे रही है।
फ्रांसीसी कम्पनी से पांच राफेल जेट्स का पहला जत्था अबू धाबी के पास अल ढफरा एयरबेस में एक स्टॉपओवर के बाद 29 जुलाई, 2020 को अंबाला एयरबेस पहुंचा था। भारतीय वायुसेना ने इन पांचों फाइटर जेट्स को औपचारिक रूप से अपने बेड़े में 10 सितम्बर को शामिल किया था। इसके बाद तीन राफेल फाइटर जेट्स का दूसरा बैच नवम्बर की शुरुआत में फ्रांस से सीधे गुजरात के जामनगर एयरबेस पर पहुंचा था। तीसरे बैच में तीन राफेल जेट 27 जनवरी, 2021 को नॉन स्टॉप फ्रांस से 7000 किलोमीटर से अधिक की उड़ान पूरी करके गुजरात के जामनगर एयरबेस पर उतरे थे। इन तीनों जेट्स को भी रास्ते में संयुक्त अरब अमीरात की वायुसेना ने हवा में ही ईंधन दिया था। इस तरह 11 राफेल भारत आकर अब तक भारतीय वायुसेना के बेड़े का हिस्सा बन चुके हैं। भारत ने इन सभी फाइटर जेट्स को ऑपरेशनल करके चीन और पाकिस्तान के मोर्चों पर तैनात किया है।
फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट एविएशन से 2016 में ऑर्डर किए गए 36 राफेल फाइटर जेट में से 21 राफेल भारतीय वायुसेना को फ्रांस में सौंपे जा चुके हैं जिनमें से अब तक 11 भारत पहुंचे थे। बाकी 10 विमान फ्रांस में वायुसेना के पायलटों को प्रशिक्षण देने के लिए रखे गए हैं। इन 10 में से तीन राफेल आज भारत आ गए हैं और अगले माह के अंत तक 7 और राफेल भारत पहुंच जाएंगे। लगभग उसी समय डसॉल्ट कंपनी पायलटों के अगले बैच को प्रशिक्षण देने के लिए फ्रांस में 4-5 और राफेल्स वायुसेना को सौंप देगी।
वायुसेना की एक लड़ाकू स्क्वाड्रन 16 युद्धक विमानों और पायलट ट्रेनिंग के दो विमानों से मिलकर बनती है। अम्बाला में बनाई गई राफेल की पहली स्क्वाड्रन 18 जेट्स मिलने के बाद पूरी होने के बाद दूसरी स्क्वाड्रन शुरू की जाएगी। भारतीय वायुसेना ने चीन का मुकाबला करने के लिए राफेल जेट की दूसरी स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल के हासिमारा एयरबेस में बनाई है। यानी फ्रांस से अब आगे मिलने वाले राफेल दूसरी स्क्वाड्रन में तैनात किये जायेंगे जिससे यह स्क्वाड्रन भी 18 राफेल विमानों से पूरी हो जाएगी।