पैरिस, 6 जुलाई (हि.स.)। फ्रांस में 30 ऐसे नौकरशाह हैं जिन्हे 30 साल से बिना काम वेतन दिया जा रहा है। जिस पद पर वे कार्यरत हैं उनकी प्रासंगिकता खत्म हो गई है लेकिन फिर भी सरकार उन्हे नौकरी पर रखने के लिए बाध्य हैं। आल्प्स-रिवेरा क्षेत्र में काम करने वाले लेखा-परीक्षक की रिपोर्ट है कि सरकार इन लोगों के वेतन पर अभी तक 192 करोंड़ रुपये खर्च कर चुकी है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इन अधिकारियों के वेतन पर सालाना 7.88 लाख रुपये खर्च किए जाते हैं। जिस काम के लिए इन अधिकारियों को रखा गया था वह खत्म हो चुका है। उनमें से कुछ निजी काम भी कर रहे हैं। रग्बी का पूर्व स्टार एक रेस्तरा चलाता है। परिषद कार्यालय जाने के बजाय वह अपने रेस्तरा में काम करना पसंद करता है। उनके इस व्यवसाय के बारे में सवाल भी किए गए थे। सरकार का कहना है कि रेस्तरा चलाना नौकरशाह की स्थिति से मेल नहीं खाता ।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ये नौकरशाह सेवानिवृत्ति के करीब हैं। इसलिए उन्हे लगता है कि इस्तीफा देना बेकार है उन्हे अपनेआप ही पदोन्नति और वेतन वृद्धि मिलती है। इसके बावजूद ये लोग काम नहीं कर रहे हैं। उन्हें वेतन दिया जा रहा है इसके बाद भी वे नौकरी पर नहीं आते हैं।
फ्रांस के कानून के अनुसार वे कर्मचारियों को वेतन देना जारी रखते हैं चाहे उनका काम खत्म हो चुका हो। जबकि परिषद कार्यालय उनका पैसा रोकने के मूड में है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दस सालों में एक कर्मचारी को सरकार से वेतन के रूप में 3 करोंड़ 92 लाख रुपये दिए गए जबकि उसके पास कोई काम नहीं है। कुछ दिन पहले लोगों ने सड़क पर विरोध प्रदर्शन भी किया था। उनका कहना था कि सिविल सर्विस में राजनेता दखल न दे। हालांकि वर्तमान राष्ट्रपति इमैनउल मैकरून ने ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है।