जम्मू में चार पाकिस्तानी जासूस गिरफ्तार

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जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को जीवित रखने के लिए पकिस्तान की  बड़ी साजिश को नाकाम करते हुए सुरक्षाबलों ने शुक्रवार को चार पाकिस्तानी जासूसों को गिरफ्तार किया है।



जम्मू, 07 जून (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को जीवित रखने के लिए पकिस्तान की  बड़ी साजिश को नाकाम करते हुए सुरक्षाबलों ने शुक्रवार को चार पाकिस्तानी जासूसों को गिरफ्तार किया है। मई माह में सेना ने दो जासूसों को जम्मू के रत्नुचक सैन्य स्टेशन से गिरफ्तार किया था। इसके बाद अब सुरक्षाबलों ने चार और पाकिस्तानी जासूसों को गिरफ्तार किया है। इस तरह दो माह में पकड़े गए पाकिस्तानी जासूसों की संख्या छह हो गई है। यह सभी पाक जासूस अपने हैंडलर के जरिए सीमा पार आतंकी संगठन हिज्ब-उल-मुजाहिदीन के सीधे संपर्क में थे।

पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद को जीवित बनाये रखने की पाकिस्तानी साजिश का खुलासा हुआ है। मई माह में दो जासूसों को जम्मू में रत्नुचक सैन्य स्टेशन के बाहर वीडियो शूट करने और तस्वीरें लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। दोनों जासूसों ने गिरफ्तार होने से पहले कुछ विडियो तथा आडियो सीमा पार बैठे अपने आकाओं को भेज दी थी ताकि संवेदनशील सैन्य स्टेशनों को निशाना बनाया जा सके। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों जासूसों डोडा निवासी मुश्ताक अहमद मलिक (38) और कठुआ निवासी नदीम अख्तर (24) ने पूछताछ में सुरक्षा अधिकारियों को बताया था कि उन्हें सीमा पार बैठे संचालकों द्वारा निर्देशित किया जा रहा था। इन दोनों ने जम्मू क्षेत्र में ऐसे ही अन्य कार्यों में जुटे चार अन्य पाकिस्तानी जासूसों के बारे में भी जानकारी दी थी। उसी जानकारी के आधार पर सुरक्षाबलों ने कठुआ निवासी सद्दाम हुसैन, मोहम्मद सलीम, मोहम्मद शफी और बसंतगढ़ निवासी सफदर अली को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार जासूस पाकिस्तान के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा के करीब तीन पर्वतीय जिलों के हैं। सुरक्षा अधिकारियों को जासूसों के पाकिस्तानी हैंडलर्स के मोबाइल फोन नंबर भी मिले हैं। अधिकारी ने कहा कि वे मोबाइल फोन का डेटा निकालने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि जासूसों ने बताया है कि उन्होंने कुछ डेटा डिलीट कर दिया था।
पूछताछ के दौरान जासूसों ने खुलासा किया है कि उन्हें जम्मू में आतंकवाद बढ़ाने के लिए युवाओं की भर्ती करने का काम सौंपा गया था। एक अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां पाक जासूसी से जुड़े कुछ और लोगों को भी गिरफ्तार कर सकती हैं जो ओवर-ग्राउंड वर्कर के रूप में काम करते हैं।

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