रामपुर, 02 नवम्बर (हि.स.)। रामपुर सीआरपीएफ कैंप पर 12 साल पहले हुए आंतकी हमले के मामले में एडीजे कोर्ट ने शनिवार को चार आरोपितों को फांसी की सजा सुनायी है। इसके अलावा एक को उम्र कैद तो दूसरे को दस साल के कारावास का फैसला सुनाया है। शुक्रवार को कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित कर किया था। इसी मामले में दो लोगों को दोषमुक्त भी हुए हैं।
सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर 31 दिसम्बर 2007 की रात आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हो गए थे। एक रिक्शा चालक की भी मौत हो गई थी। दारोगा, सिपाही और होमगार्ड समेत छह लोगों घायल हुए थे। एटीएस ने 40 दिन बाद रामपुर और लखनऊ से लोगों को गिरफ्तार किया था। ये सभी आरोपित तभी से लखनऊ और बरेली की जेलों में कड़ी सुरक्षा में रखा गया था। रामपुर सीआरपीएफ कैंप पर हमले के सभी आरोपितों को अपर जिला सत्र तृतीय संजय कुमार की अदालत में शुक्रवार को पेश किया गया। इसमें प्रतापगढ़ के कुंडा निवासी कौसर फारुखी तथा बरेली के बहेड़ी निवासी गुलाब खान को दोष मुक्त किया गया है।
इसके अलावा कोर्ट ने हमले के मामले में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के इमरान, मोहम्मद फारूख, मुंबई गोरे गांव के फहीम अंसारी, बिहार के मधुबनी का सबाउद्दीन सबा, मुरादाबाद के मूंढापांडे निवासी जंग बहादुर बाबा खान और रामपुर के खजुरिया गांव के मोहम्मद शरीफ को दोषी मानकर फैसला सुरक्षित कर लिया था। शनिवार को कोर्ट में सभी को दोबारा पेश किया गया। जहां कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुये चार आरोपितों इमरान, फारूख, सबाउद्दीन व शरीफ को फांसी की सजा सुनायी है। इसके अलावा कोर्ट ने जंग बहादुर को उम्र कैद और फहीम को दस साल की सजा का फैसला सुनाया।