राम जन्मभूमि आतंकी हमले के चार दोषियों को उम्रकैद, एक बरी.

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प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बनाई गई स्पेशल कोर्ट ने सुनाया फैसला-चारों सजायाफ्ता आतंकियों पर दो लाख चालीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगा-सभी आतंकी नेपाल के रास्ते बतौर भक्त अयोध्या में घुसे थे-आतंकियों ने कई दिनों तक रेकी करके राम मंदिर के दर्शन करने के बाद किया था हमला-पुलिस की जवाबी कार्रवाई में पांच आतंकवादी मारे गए और पांच हुए थे गिरफ्तार



प्रयागराज, 18 जून (हि.स.)। अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर में वर्ष 2005 में हुए आतंकी हमले में इलाहाबाद की स्पेशल ट्रायल कोर्ट ने मंगलवार को चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने पांचवें आरोपित मोहम्मद अजीज को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा द्वारा कराए गए इस हमले में पांच आतंकवादी मारे गए थे। एक टूरिस्ट गाइड समेत एक अन्य की भी जान गई थी जबकि हमले में सीआरपीएफ व पीएसी के सात जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे।
आतंकी हमले में मारे गए आतंकियों के पास से बरामद मोबाइल सिम की जांच से आसिफ इकबाल उर्फ फारुक, मो. शकील, मो. अजीज और मो. नसीम का नाम प्रकाश में आया था, जिन्हें 28 जुलाई 2005 को और डाॅ. इरफान को 22 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। इनमें दिल्ली के साकेत नगर में क्लीनिक चलाने वाला सहारनपुर का डॉ. इरफ़ान मास्टर माइंड है, जबकि बाकी चार लोग जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के मेंडर इलाके के रहने वाले हैं। 2006 से इलाहाबाद में चले मुकदमे में कुल 371 तारीखें लगीं। मुकदमे में कुल 63 गवाहों के बयान दर्ज हुए। गिरफ्तार आतंकियों पर कोर्ट में 19 अक्टूबर, 2006 को आरोप तय किए गए थे। सरकार की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चन्द्र अग्रहरि ने अपना पक्ष रखा। जज दिनेश चंद्र की कोर्ट में दोनों पक्षों की बहस 11 जून को पूरी हो चुकी थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर आठ दिसम्बर, 2006 को यह मुकदमा फैजाबाद से प्रयागराज ट्रांसफर कर दिया गया। प्रयागराज जिला अदालत के स्पेशल जज अतुल कुमार गुप्ता ने दो साल पहले इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बावजूद मामले की फिर से सुनवाई की गई। करीब 14 सालों तक चले इस संवेदनशील मुकदमे की पूरी सुनवाई प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बनाई गई स्पेशल कोर्ट में ही हुई। सुरक्षा कारणों से इस मामले का फैसला सुनाने के लिए प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में अस्थाई अदालत बनाई गई।
स्पेशल जज एससी-एसटी दिनेश चंद्र ने आज फैसला सुनाते हुए आसिफ इकबाल उर्फ फारुक, मो. शकील, मो. नसीम और डाॅ. इरफान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने पांचवें आरोपित मोहम्मद अजीज को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। कोर्ट ने चारों सजायाफ्ता आतंकियों पर दो लाख चालीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। आज आने वाले इस फैसले को देखते हुए अयोध्या से लेकर प्रयागराज समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए।
सभी आतंकी नेपाल के रास्ते बतौर भक्त अयोध्या में घुसे थे। इन लोगों ने कई दिनों तक पूरे इलाके की पहले रेकी की और हमले से पहले राम मंदिर के दर्शन भी किए थे। इसके बाद टाटा सूमो से सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए ग्रेनेड फेंककर हमला किया। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा द्वारा कराए गए इस हमले में एक टूरिस्ट गाइड समेत एक अन्य की भी मौत हो गई थी, जबकि पुलिस की जवाबी कार्रवाई में पांच आतंकवादी मार गिराए गए थे। सीआरपीएफ और पीएसी के सात जवान गंभीर रूप से जख्मी भी हुए थे।

 


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