पूर्व राज्यपाल अश्वनी कुमार ने सुसाइड नोट में किसी को नहीं ठहराया अपनी मौत का जिम्मेदार
शिमला, 08 अक्टूबर (हि.स.)। नागालैंड और मणिपुर के पूर्व राज्यपाल, सीबीआई के पूर्व निदेशक और हिमाचल प्रदेश के डीजीपी रहे अश्वनी कुमार की खुदकुशी की घटना से हर कोई सन्न है। शिमला पुलिस आत्महत्या मामले की तहकीकात कर रही है। दिवंगत सेवानिवृत आईपीएस अधिकारी ने आत्महत्या के लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया है। घटनास्थल से बरामद सुसाइड नोट में यह खुलासा हुआ है।
हाई प्रोफाइल इस मामले से पुलिस भी स्तब्ध है, क्योंकि अश्वनी कुमार कभी हिमाचल पुलिस के कप्तान हुआ करते थे और अपनी ईमानदारी, सौम्य स्वभाव और कर्तव्यनिष्ठा के कारण कई पुलिस वालों के आदर्श थे। बुधवार देर शाम उनकी खुदकुशी करने के बाद हिमाचल के डीजीपी संजय कुंडू खुद घटनास्थल पर पहुंचे और मौके-ए-वारदात का मुआयना किया।
डीजीपी ने पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में बताया कि जांच टीम ने एक चिट्ठी बरामद की है, जिसमें दिवंगत अश्वनी कुमार ने अपनी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है। सुसाइड नोट में लिखा है कि बीमारी के कारण वह यह कदम उठा रहे हैं और इसके लिए उन्होंने किसी पर भी दोषारोपण नहीं किया है। शाम को वह कमरे में गए। उन्होंने भीतर से दरवाजा बंद किया और नायलोन की रस्सी से फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। परिवार को किसी गड़बड़ी की कोई आशंका नहीं है। पुलिस ने कमरे में रखी चीजों को जब्त कर लिया है तथा शव का आज गुरुवार को पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा।
डीजीपी कुंडू ने बताया है कि फारेंसिक टीम ने भी घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं। खुदकुशी से पहले तक अश्वनी कुमार का व्यवहार सामान्य था। आम दिनों की तरह बुधवार को उन्होंने दोपहर का खाना परिवार के साथ खाया। शाम के समय माॅल रोड घूमने निकले और कालीबाढ़ी मंदिर भी गए। शाम ढलने पर वह अपने आवास के एटीक में होते थे लेकिन करीब 7ः10 बजे जब एटीक पर नहीं दिखे तो उनके बेटे और बहू ने दरवाजा खटखटाया। अंदर से कोई हलचल न होने पर दरवाजा तोड़ा गया। भीतर उनका शव फंदे से लटका हुआ था। डीजीपी का कहना है कि परिजनों के बयान लेकर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। छोटा शिमला थाने में यह मामला दर्ज किया गया है।
पोस्टमार्टम व अन्य औपचारिकताओं के बाद अश्वनी कुमार का शव आज परिजनों को सौंप दिया जाएगा। इसके बाद पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि होगी। अश्वनी कुमार ने सुसाइड नोट में अंगदान की बात भी लिखी है लेकिन इस पर उनके परिवार की स्वीकृति आवश्यक है।