कोलकाता, 25 सितम्बर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता की लाइफ लाइन कही जाने वाली मेट्रो में गत 13 जुलाई को 66 वर्षीय वृद्ध सजल कांजीलाल की मौत मामले में कोलकाता पुलिस की फॉरेंसिक टीम में आखिरकार अपनी रिपोर्ट सौंपी है। करीब दो महीने बाद यह रिपोर्ट कोलकाता पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंपी गई है।
शेक्सपियर सरणी थाना और कोलकाता पुलिस की टीम को लेकर बनाई गई एसआईटी को सौंपी गई रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि मेट्रो की यह दुर्घटना यांत्रिक त्रुटि के कारण हुई है। इस रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि इस तरह की घटनाओं का पूर्वानुमान किसी भी परिवहन प्रणाली की नियमावली के तहत नहीं लगाया जा सकता है। हालांकि सुधार की गुंजाइश हमेशा रहती है। जांच में यह पता चला है कि तकनीक और मानवीय समझ के बीच समन्वय नहीं बन पाया था, जिसकी वजह से यह दुर्घटना हुई है।
दरअसल मेट्रो की ओर से बताया गया था कि मेट्रो के दोनों दरवाजे के बीच 20 मिली मीटर से कम मोटाई की अगर कोई चीज फंसती है तो दरवाजा नहीं खुलता है। सजल कांजीलाल वृद्ध थे और उनकी उंगली की मोटाई 20 मिलीमीटर से कम थी। इस वजह से जब उनकी उंगली मेट्रो के दरवाजे में फंसी तो दरवाजा नहीं खुला और वह तेज रफ्तार मेट्रो के साथ घसीटते, टकराते हुए सुरंग में दूर तक खींचते चले गए थे, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई थी। फॉरेंसिक रिपोर्ट में कुछ अत्याधिक तकनीकी पहलुओं का जिक्र किया गया है जिसमें प्रौद्योगिकी के जरिए अचूक सुरक्षा प्रणाली की त्रुटियों के बारे में भी उल्लेख किया गया है।
कोलकाता पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अब जल्द ही इस रिपोर्ट को लाल बाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय में भेजी जाएगी। इस पर आगे क्या कार्रवाई की जा सकती है, इसे लेकर कानूनी सलाह भी ली जाएगी।
उल्लेखनीय है कि गत 13 जुलाई को घटित इस घटना ने पूरे देश में सुर्खियां बटोरी थी। कोलकाता पुलिस ने इस मामले में गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। हालांकि केवल एक बार मेट्रो के इंजीनियरों और अधिकारियों से पूछताछ हुई थी उसके बाद आज तक कोई पूछताछ या जांच नहीं हुई है। अब जबकि फॉरेंसिक रिपोर्ट जमा हुई है तो उम्मीद जताई जा रही है कि कोलकाता पुलिस इस पर कुछ कानूनी कदम उठाएगी।