नई दिल्ली, 18 सितम्बर (हि.स.)। भारत सरकार का खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय गरीबों को मिलने वाले सस्ते अनाज की मात्रा बढ़ाना चाहता है। खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर अनाज की मात्रा बढ़ाने की मंजूरी मांगी है। देश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत हर माह 81 करोड़ लोगों को सब्सिडी दर पर अनाज दिया जाता है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार खाद्य पदार्थों के बफर स्टॉक को खत्म करने के लिए जल्द ही सब्सिडी पर दिए जाने वाले अनाज की मात्रा में बढ़ोतरी कर सकती है। साथ ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभार्थियों के लिए मासिक राशन में चीनी को भी जोड़ सकती है। सरकार के इस फैसले से करीब 16.3 करोड़ परिवार को लाभ मिलेगा।
केंद्रीय कैबिनेट राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभार्थियों को दिए जाने वाले मासिक कोटा में दो किलो अनाज प्रति लाभार्थी के हिसाब से बढ़ा सकती है। यदि खाद्य मंत्रालय के इस प्रस्ताव पर अमल होता है तो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रत्येक लाभार्थी को पांच किलो की जगह सात किलो राशन मिलेगा। सरकार के इस फैसले से करीब 81 करोड़ लोगों को ज्यादा गेहूं और चावल मिल सकेगा।
उल्लेखनीय है कि इस समय केंद्र सरकार के स्टॉक में 711 लाख टन खाद्यान्न उपलब्ध है। वहीं देश में जरूरत 307 लाख टन खाद्यान्न की है। दरअसल हरियाणा और पंजाब से सरकार खाद्यान्न स्टॉक के लिए सबसे ज्यादा अनाज खरीदती है। फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया(एफसीआई) हर साल एक लाख टन गेहूं के रखरखाव पर 29 करोड़ रुपये और इतने ही चावल के रखरखाव पर 41 करोड़ रुपये का खर्च करता है। मंत्रालय के इस प्रस्ताव से सरकार को अनाज का अतिरिक्त स्टॉक घटाने में भी मदद मिलेगी।