धुंध की चादर में लिपटा बिहार, घने कोहरे से कम हुई विजिबिलिटी, कई विमान लेट
पटना, 09 दिसम्बर(हि.स.)। ठंड के साथ घने कोहरे ने मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदल दिया है। बुधवार को धुंध की चादर में पटना सहित लगभग पूरा बिहार लिपटा रहा। इससे जनजीवन प्रभावित रहा। सुबह से ही राजधानी पटना सहित कई इलाकों में घने कोहरे छाये रहे। वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई। सुबह में सड़कों पर वाहन चालकों को हेडलाइट जलाकर चलना पड़ा। साथ ही जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के रनवे की सारी लाइटें जला दी गईं। इसके अलावा विमानों को भी लाइट जलाकर लैंडिंग करनी पड़ी। दिल्ली, चेन्नई, गुवाहाटी सहित विमानों के आने-जाने में देरी के कारण एयरपोर्ट पर यात्रियों को काफी परेशानी हुई। राजधानी पटना में अभी तक प्रशासन की ओर से अलाव की भी व्यवस्था नहीं की गई है। हालांकि, गरीबों को ठंड से बचने के लिए कई जगहों पर टेंट (अस्थायी रैनबसेरा) बगाये गये हैं। इसमें चौकी, कंबल आदि की मुफ्त व्यवस्था है।
मौसम विभाग के मुताबिक, आज का न्यूनतम तापमान 18 डिग्री और अधिकतम 21 डिग्री सेल्सियस रहा। घने कोहरे की वजह से पटना में विजिबिलिटी 100 मीटर तक पहुंच गई। पूर्वानुमान जताया गया है कि अगले 24 घंटे में न्यूनतम तापमान में गिरावट और घने कोहरे छाए रहेंगे। उल्लेखनीय है कि इस बार सबसे अधिक तापमान में गिरावट 8 दिसम्बर को दर्ज की गई। अधिकतम तापमान गिरने से पिछले एक दशक का रिकार्ड भी टूट गया।
जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट की एक हजार मीटर है विजिबिलिटी
रनवे के आसपास 400 मीटर तक विजिबिलिटी घटने के कारण एक दिन पहले मंगलवार को भी घने कोहरे के कारण पटना के जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से 13 विमान देर से उड़े। एयरपोर्ट की विजिबिलिटी पहले 1200 मीटर थी, लेकिन पिछले साल लाइटिंग व्यवस्था दुरुस्त करने के बाद विजिबिलिटी 1000 मीटर ही रह गई है। कोहरे के दौरान दृश्यता 700-800 मीटर तक ही रह पाती है। ऐसे में विमानों को लैंड कराने में काफी परेशानी होती है।
कोहरे से लेट नहीं होंगी ट्रेनें, मिली फॉग डिवाइस : राजेश कुमार
कोहरे की वजह से ट्रेनें लेट न हों, इसके लिए रेलवे ने विशेष तैयारी शुरू की है। पूर्व मध्य रेल (ईसीआर) के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि कोहरे में ट्रेनों का परिचालन सामान्य बनाये रखने के लिए इंजनों में सेफ्टी के लिए फॉग सेफ डिवाइस लगाये जा रहे हैं। यह डिवाइस जीपीएस पर आधारित होता है जो लोको पायलटों को आने वाली सिग्नल की चेतावनी देता है। इसके अलाव सभी जगहों पर फॉग मैन तैनात किये जा रहे हैं। वे लोग कोहरे के दौरान रेल लाइन पर सिग्नल की स्थिति की जानकारी देने के लिए यंत्र (डेटोनेटर) लगाएंगे। जब ट्रेनें इससे गुजरती हैं तो पटाखे जैसी आवाज होती है। इससे लोको पायलट सतर्क हो जाते हैं और स्पीड को नियंत्रित कर लेते हैं।