बहुचर्चित चारा घोटाले के चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में 16 लोगों को सजा

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झारखंड की राजधानी रांची में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने अविभाजित बिहार के अरबों रूपये के बहुचर्चित चारा घोटाले के चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में 16 आरोपी दोषी करार देते हुए पांच को चार-चार और 11 को तीन- तीन साल की सजा सुनाई ।



रांची 29 मई (हि.स.) । झारखंड की राजधानी रांची में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने अविभाजित बिहार के अरबों रूपये के बहुचर्चित चारा घोटाले के चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में 16 आरोपी दोषी करार देते हुए पांच को चार-चार और 11 को तीन- तीन साल की सजा सुनाई ।
चारा घोटाला के एक पूरक मामला (आर सी 20 ए/1996) में बुधवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस एन मिश्रा ने पांच अभियुक्तों को चार-चार साल की सजा जबकि अन्य 11 अभियुक्तों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। सभी 16 दोषियों पर अलग-अलग जुर्माना भी लगाया गया है।मामले में 15 मई को सुनवाई पूरी हुई थी ।
चाईबासा कोषागार से 37 करोड़ रूपये की अवैध निकासी के मूल अभिलेख में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र समेत 46 आरोपितों को वर्ष 2013 में सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा सुनाई थी । इस मामले से शामिल 18 आरोपितों के खिलाफ सीबीआई ने कोर्ट में बाद में चार्जशीट दाखिल की थी इसलिए इन आरोपितों के खिलाफ मामले की सुनवाई अन्य आरोपितों से अलग बाद में शुरू हुई। इन्हें चार-चार साल की सजा सुनाई गई: किशोर झा, राम अवतार शर्मा, बसंत सिन्हा,महेंद्र कुंदन और उमेश दुबे।
इन्हें तीन-तीन साल की सजा मिली : राजेंद्र कुमार हरित, संजीव कुमार बासुदेव,शाहदेव प्रसाद, लोल मोहन गोप, अदिति जोदार, विमल कुमार अग्रवाल,ब्रजकिशोर अग्रवाल,अपर्णिता कुंडू, भारतेश्वर नारायण, अनिल कुमार और मधु ।


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