कोयला क्षेत्र सरकारी नियंत्रण से मुक्त, रक्षा क्षेत्र में 74 फीसदी एफडीआई, वायु क्षेत्र से लेकर अंतरिक्ष में भी निजी प्रतियोगियों को अनुमति, 6 हवाईअड्डों का निजीकरण
नई दिल्ली, 16 मई (हि.स.)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आर्थिक पैकेज की चौथी कड़ी में कोयला क्षेत्र में सुधार करने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये के फंड देने का ऐलान किया है। सीतारमण ने नेशनल मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में शनिवार को कहा कि हमें अपने उत्पादों को विश्वस्तरीय बनाना होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि हमारा फोकस बुनियादी सुधारों पर है। उन्होंने आठ सेक्टर्स पर ध्यान देने की बात करते हुए कहा कि कोयला क्षेत्र में सरकारी नियंत्रण को खत्म करने और डिफेंस में एफडीआई की सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी किया जाएगा। इसके साथ ही वित मंत्री ने कहा कि 6 और एयरपोर्ट्स की नीलामी होगी, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया यह काम करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि कोयला उत्पादन के क्षेत्र में देश की आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के लिए कामर्शियल माइनिंग करनी होगी। कोयला के क्षेत्र में सरकार का मौजूदा एकाधिकार को खत्म करने और कोयला क्षेत्र के विकास के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का फंड देने का ऐलान किया। वहीं, 500 कोल ब्लॉक माइनिंग के लिए सरका नीलामी करेगी।
वित मंत्री ने प्रधानमंत्री के तीन मूल मंत्र के बारे में कहा कि हम रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म की बात करते हैं। राज्यों की रैंकिंग की जाएगी, जिससे निवेश के बारे में भी हमें जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारत निवेश के लिए पहली पसंद है। इसलिए भारत को बिजनेस फ्रेंडली देश बनाने की दिशा में कोशिश होगी। कई सेक्टर मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि इज ऑफ डुइंग बिजनेस पर भी जोर रहेगा। सेना को आधुनिक हथियारों की जरूरत है। डिफेंस में मेक इन इंडिया को सरकार बढ़ावा देगी। रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना और खुद के उत्पादन पर जोर देने की बात भी कही गई। इसके लिए अलग से बजट की व्यवस्था करने की बात भी वित्त मंत्री ने कही।
वित मंत्री ने कोविड-19 की महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को उबारने और पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत पहले ही 18 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान सीतारमण पहले ही कर चुकी हैं।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री सीतारमण ने पिछले तीन दिनों के दौरान एमएसएमई, मजदूरों, ठेकेदारों, संविदा कर्मचारियों, मजदूर वर्ग, व्यापक उद्योग, प्रवासी श्रमिकों, मुफ्त खाद्यान्न, किसानों को रियायती लोन, एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर, माइक्रो फूड एंटरप्राइज, मछली पालन, पशुओं के टीकाकरण, औषधीय पौधों, मधुमक्खी पालन जैसे कई सेक्टर के लिए पैकेज दे चुकी हैं।
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 की महामारी और देश और दुनिया में लागू लॉकडाउन के बीच जापान और अमेरिका के बाद स्वीडन ने जीडीपी का 12 फीसदी, जर्मनी ने 10.7 फीसदी के राहत पैकेज का ऐलान कर चुका है। वहीं, भारत ने अपने जीडीपी का 10 फीसदी के बराबर आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है। इसके बाद दुनिया के अन्य देश फ्रांस ने 9.3 फीसदी, स्पेन ने 7.3 फीसदी, इटली 5.7 फीसदी, ब्रिटेन 5 फीसदी, चीन 3.8 फीसदी, और दक्षिण कोरिया ने 2.2 फीसदी के राहत पैकेज का ऐलान किया है।