थानाधिकारी जगदीश कुमार ने बताया कि घटना के वक्त किसान भीयाराम का परिवार खेत पर गया था। इसी दौरान पांच बच्चे घर पर थे। इसमें चार भीयाराम के बेटे-बेटियां थे जबकि एक उनकी भांजी थी। भीयाराम का बेटा चार वर्षीय सेवाराम के अलावा तीन बेटियां सात वर्षीय रविना, सात वर्षीय राधा और आठ वर्षीय टींकू उर्फ पूनम के साथ ही भीयाराम की भांजी माली पुत्री मघाराम घर पर खेल रहे थे। इस दौरान सभी बच्चे लोहे की चादर से बनी अनाज की कोठरी में घुस गए। बच्चों के कोठरी के अंदर घुसने के बाद उसका ढक्कन नीचे आ गया और स्वत: ही बंद हो गया। टंकी की गहराई 5 फीट और चौड़ाई करीब 3 फीट रही है। बच्चों ने इसे खोलने का प्रयास भी किया होगा, लेकिन अंदर से वो खुल नहीं सकता था और आवाज सुनने वाला घर में कोई नहीं था।