नई दिल्ली,17 जून (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच ने भी चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) ग्रोथ रेट के अनुमान को घटाकर 6.6 फीसदी कर दिया है। जबकि रेटिंग एजेंसी ने पहले 6.8 फीसदी ग्रोथ का अनुमान जताया था। रेटिंग एजेंसी ने बीते साल की तुलना में मैन्युफैक्चरिंग और कृषि सेक्टर में छाई सुस्ती को इसकी वजह बताया है।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी ने ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक में अगले वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 7.1 फीसदी और 2021-22 के लिए 7 फीसदी के ग्रोथ अनुमान को बरकरार रखा है। गौरतलब है कि पिछले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ 6.8 फीसदी के साथ 5 साल के निचले स्तर पर आ गई थी।
रेंटिंग एजेंसी फिच ने कहा कि हम वित्त वर्ष 2019-20 में 6.6 फीसदी ग्रोथ की उम्मीद कर रहे हैं। इसके अलावा वित्त वर्ष 2020-21 में 7.1 फीसदी व वित वर्ष 2021-22 में यह 7 फीसदी रहने का अनुमान है।
फिच ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जून के पॉलिसी रिव्यू में ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की जो इस साल तीसरी कटौती थी। इसकी मुख्य वजह ग्रोथ को रफ्तार देना और बढ़ती महंगाई को कम करना रहा। फिच ने कहा कि हमें 2019 में एक बार फिर 0.25 फीसदी की कटौती की उम्मीद है, जिससे पॉलिसी रेपो रेट घटकर 5.50 फीसदी पर आ जाएंगी।