जयशंकर ने कैलाश मानसरोवर यात्रियों के पहले दल को झंडी दिखाकर किया रवाना

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विदेश मंत्री ने कहा कि इस साल तीन हजार आवेदन प्राप्त हुए। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि देश से अधिक से अधिक संख्या में लोग कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाना चाहते हैं। यह सचमुच बड़ी संतुष्टि देने वाली बात है।



नई दिल्ली, 11 जून (हि.स.)। विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को कैलाश मानसरोवर यात्रियों के पहले दल को झंडी दिखाकर नई दिल्‍ली से रवाना किया। इसके साथ ही कैलाश मानसरोवर यात्रा-2019 की शुरुआत हो गई। इस वर्ष भारत से 28 दल कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जा रहे हैं। इनमें से 18 दल पुराने और 10 दल नए मार्ग से गुजरेंगे।

विदेशमंत्री जयशंकर ने तीर्थयात्रियों को सुरक्षित और आध्यात्मिक रूप से यात्रा संपन्न होने की  अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए कहा, आज हम कैलाश मानसरोवर यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं। यह विदेश मंत्रालय का महत्वपूर्ण आयोजन है। सभी सरकारी एजेंसियों को तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा गया है। उन्होंने कहा, ‘ मैं यात्रा के आयोजन में चीन सरकार के सहयोग पर बताना चाहूंगा कि यह लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’

उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय ने यह यात्रा 1981 में बहुत ही छोटे दल से शुरू की थी। तब यह बहुत कठिन थी। अब लिपुलेख दर्रे के जरिए कैलाश मानसरोवर यात्रियों के 18 दल भेजे जाते हैं। हर दल में 60 श्रद्धालु होते हैं। सिक्किम के नाथुला दर्रे वाले मार्ग से 10 दल भेजे जाएंगे और हर दल में 48 श्रद्धालु होंगे।

विदेश मंत्री ने कहा कि इस साल तीन हजार आवेदन प्राप्त हुए। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि देश से अधिक से अधिक संख्या में लोग कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाना चाहते हैं। यह सचमुच बड़ी संतुष्टि देने वाली बात है।

उन्होंने यात्रा को अधिक सुविधायुक्त बनाने के लिए की गई मंत्रालय की पहल की जानकारी दी। कहा, हाल ही में नाथुला रोड को खोला गया है। इससे यात्रियों को वहां पहुंचने में काफी आसानी होगी। इसके अलावा प्रत्येक दल के साथ दो लायजन ऑफिसर भी गाइड और मदद करने के लिए होंगे।


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