अब भारत लम्बी दूरी तक परमाणु बैलिस्टिक मिसाइलों को कर सकेगा ट्रैक

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 भारत का पहला परमाणु मिसाइल ट्रैकिंग जहाज आईएनएस ध्रुव 10 सितम्बर को लॉन्च होगा

 अब तक सिर्फ फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और चीन में ही होता है ऐसे जहाजों का संचालन



नई दिल्ली, 03 सितंबर (हि.स.)। भारत का पहला परमाणु मिसाइल ट्रैकिंग जहाज आईएनएस ध्रुव 10 सितंबर को लॉन्च किया जाएगा। 10 हजार टन वजनी इस जहाज में लंबी दूरी तक परमाणु बैलिस्टिक मिसाइलों को ट्रैक करने की क्षमता है जिससे भारत की एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता बढ़ेगी। अब तक ऐसे जहाजों का संचालन केवल फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और चीन में ही किया जाता है। परमाणु मिसाइल ट्रैकिंग जहाज को भारतीय नौसेना सामरिक बल कमान के साथ संचालित करेगी। विशाखापत्तनम से भारत के पहले उपग्रह और बैलिस्टिक मिसाइल ट्रैकिंग जहाज ध्रुव की लांचिंग राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के हाथों होने की उम्मीद है।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ) के सहयोग से हिंदुस्तान शिपयार्ड ने आईएनएस ध्रुव का निर्माण किया है। यह जहाज दुश्मन की पनडुब्बियों का पता लगाने के लिए समुद्र तल का नक्शा बनाने की क्षमता रखता है। लांचिंग के मौके पर नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह एनटीआरओ के अध्यक्ष अनिल धस्माना, डीआरडीओ और नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मौजूद रहेंगे। परमाणु मिसाइल ट्रैकिंग जहाज को भारतीय नौसेना के कर्मियों द्वारा सामरिक बल कमान (एसएफसी) के साथ संचालित किया जाएगा। अब तक ऐसे जहाजों का संचालन केवल फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और चीन द्वारा किया जाता है।

एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता वाला 10 हजार टन का यह जहाज एक वर्गीकृत परियोजना का हिस्सा है क्योंकि यह भारतीय शहरों और सैन्य प्रतिष्ठानों की ओर जाने वाली दुश्मन की मिसाइलों के लिए एक प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के रूप में कार्य करेगा। यह जहाज इंडो-पैसिफिक में समुद्री डोमेन जागरुकता के लिए इसलिए महत्वपूर्ण होगा क्योंकि यह उस समय लॉन्च किया जा रहा है जब पानी के नीचे सशस्त्र और निगरानी ड्रोन का युग शुरू हो गया है। चीन और पाकिस्तान दोनों के पास परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता और भारत के साथ भूमि विवाद होने के कारण आईएनएस ध्रुव भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेगा और साथ ही विरोधी की वास्तविक मिसाइल क्षमता को समझने की क्षमता में वृद्धि होगी।

आईएनएस ध्रुव डीआरडीओ द्वारा विकसित अत्याधुनिक सक्रिय स्कैन एरे रडार या एईएसए से लैस है, जिसमें भारत पर नजर रखने वाले जासूसी उपग्रहों की निगरानी के साथ-साथ पूरे क्षेत्र में मिसाइल परीक्षणों की निगरानी के लिए विभिन्न स्पेक्ट्रम को स्कैन करने की क्षमता है। यह भारतीय नौसेना की क्षमता को अदन की खाड़ी से मलक्का, सुंडा, लोम्बोक, ओमबाई और वेटार जलडमरूमध्य के माध्यम से दक्षिण चीन सागर में प्रवेश मार्गों तक क्षेत्र की निगरानी के लिए जोड़ देगा। हिन्द महासागर के तल का मानचित्रण करके आईएनएस ध्रुव भारतीय नौसेना को तीनों आयामों- उप-सतह, सतह और हवाई में बेहतर सैन्य संचालन की योजना बनाने में मदद करेगा। यह नया जहाज भारत की इलेक्ट्रॉनिक खुफिया-एकत्र करने वाली जासूसी एजेंसी एनटीआरओ को भी वास्तविक खतरे का मुकाबला करने में मदद करेगा।


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