नई दिल्ली, 08 जनवरी (हि.स.)। अर्थव्यवस्था में जारी सुस्ती के लिए सरकार कई सारे उपाय और घोषणाएं कर रही है। इस बीच सरकार ने भी यह मान लिया है कि देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) चालू वित्त वर्ष (2019-20) में महज पांच फीसदी रह जाएगा।
केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ का पहला अग्रिम अनुमान पेश किया। मंत्रालय ने अपने अनुमान में कहा कि चालू वित्त वर्ष में देश की विकास दर महज 5 फीसदी ही रह जाएगी, जबकि पिछले वित्त 2018-19 में देश की विकास दर 6.8 फीसदी थी।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने भी देश की विकास दर अनुमान को घटाकर पांच फीसदी करदिया था। दरअसल चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर 5 फीसदी और दूसरी तिमाही में विकास दर 4.5 फीसदी दर्ज किए जाने के बाद दुनिया की कई रेटिंग एजेंसियों एवं जानीमानी वित्तीय संस्थानों ने भी देश की विकास दर के पूर्वानुमान को घटाकर कम करने के साथ बहुत ही कम रहने की आशंका जताई थी। वहीं, कुछ रेटिंग्स एजेंसियों ने तो ये भी कह दिया था कि देश की विकास दर पूरे वित्त वर्ष में घटकर 4.7 फीसदी रह सकती है।