नई दिल्ली, 16 मार्च (हि.स.)। सीबीआई ने सेना की शिकायत पर एक भर्ती घोटाले के सिलसिले में 17 सैन्यकर्मियों सहित 23 व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इनमें छह लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के अधिकारी और उनके रिश्तेदार भी शामिल हैं। इन सभी लोगों पर सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) के माध्यम से अधिकारियों और अन्य पदों की भर्ती में रिश्वत और अनियमितताओं से संबंधित आरोप लगे हैं। सीबीआई ने सोमवार को देश भर में कुल 30 जगहों पर छापेमारी करके जांच-पड़ताल की है। सीबीआई को छापेमारी के दौरान इस घोटाले से सम्बंधित कई दस्तावेज भी मिले हैं।
दरअसल सेना मुख्यालय की इंटेलिजेंस विंग को अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया के दौरान दिल्ली कैंट स्थित बेस अस्पताल में उम्मीदवारों की मेडिकल जांच के नाम पर रिश्वत लिए जाने के इनपुट मिले थे। इस पर सेना ने अपने स्तर पर इस पूरे मामले की जांच की। सेना ने अपनी आंतरिक जांच में पाया कि इस भर्ती घोटाले में सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल मेजर स्तर के अनेक अधिकारी शामिल हैं। साथ ही इन अधिकारियों के परिजनों के जरिए भी रिश्वत की रकम ली गई थी। सेना की अपनी जांच के दौरान यह तथ्य भी सामने आए हैं कि सेना में मौजूद हवलदार और लेफ्टिनेंट स्तर के अधिकारी ने भर्ती के लिए रिश्वत दी। सेना को अपनी जांच के दौरान पता चला था कि रिश्वत की रकम नगदी के अलावा बैंक चेक के जरिए भी दी गई थी और कुछ मामलों में तो बैंक से बैंक रकम ट्रांसफर की गई थी। इसके बाद सेना की सतर्कता शाखा के ब्रिगेडियर वीके पुरोहित ने 28 फरवरी, 2021 को सीबीआई में एक शिकायत दर्ज कराई थी।
सेवा चयन बोर्ड केंद्रों के माध्यम से सेना अधिकारियों की भर्ती में भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज करने के बाद सीबीआई अधिकारियों ने सोमवार को कुल 30 जगहों पर छापेमारी की है। इसमें दिल्ली कैंट स्थित बेस अस्पताल, सेना के कपूरथला, भठिंडा, दिल्ली, कैथल, पलवल, लखनऊ, बरेली, गोरखपुर, विशाखापत्तनम, जयपुर, जोरहाट और चिरांगों स्थित अन्य प्रतिष्ठान शामिल हैं। छापेमारी के दौरान सीबीआई ने कई दस्तावेज बरामद किए हैं। तलाशी के दौरान बरामद दस्तावेजों की छानबीन की जा रही है और फिलहाल जांच अभी भी जारी है। सीबीआई का दावा है कि इस छापेमारी के दौरान अनेक अहम दस्तावेज और इस भर्ती घोटाले से जुड़े अहम तथ्य बरामद हुए हैं।आरोप के मुताबिक इन लोगों ने भर्ती में आए अलग-अलग लोगों से रिश्वत की रकम ली थी।सीबीआई ने आपराधिक षड्यंत्र समेत भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर छापेमारी की है और मामले की जांच जारी है।
सूत्रों के मुताबिक इस भर्ती घोटाले का मास्टरमाइंड सेना की एयर डिफेंस कॉर्प्स के लेफ्टिनेंट कर्नल भगवान को बताया जा रहा है। इस समय लेफ्टिनेंट कर्नल भगवान अध्ययन अवकाश पर है। इसके अलावा एसएसबी केंद्रों पर संभावित अधिकारी उम्मीदवारों से रिश्वत मांगने वालों में नायब सूबेदार कुलदीप सिंह भी शामिल हैं। सीबीआई ने आधिकारिक बयान में बताया है कि सेना भर्ती घोटाला मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल, मेजर, नायब सूबेदार, सिपाही आदि सहित 17 सैन्य अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। नामजद लोगों में सेना के छह लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं। सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से अधिकारियों और अन्य रैंकों की भर्ती में घूस और अनियमितताओं से संबंधित आरोपों पर 6 निजी व्यक्तियों पर भी केस दर्ज किया गया है। इस तरह सीबीआई ने अपनी जांच-पड़ताल के बाद कुल 23 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
सीबीआई की एफआईआर में जिन बड़े अधिकारियों के नाम शामिल हैं उनमें मेजर भावेश कुमार, लेफ्टिनेंट कर्नल सुरेंद्र सिंह, लेफ्टिनेंट कर्नल वाई एस चौहान, लेफ्टिनेंट कर्नल सुखदेव अरोड़ा, लेफ्टिनेंट कर्नल विनय, लेफ्टिनेंट नवजोत सिंह, लेफ्टिनेंट कर्नल भगवान, नायब सूबेदार कुलदीप सिंह, कैडेट हेमंत डागर, कैडेट इंद्रजीत, हवलदार पवन कुमार, सिपाही रोहित कुमार, हवलदार राजेश कुमार, हवलदार हरपाल सिंह के अलावा मेजर भावेश कुमार की पत्नी देवयानी, उनके पिता सुरेंद्र कुमार, उनकी मां उषा कुमावत, लेफ्टिनेंट कर्नल सुरेंद्र सिंह के ब्रदर इन लॉ भूपेंद्र बजाज आदि के नाम शामिल हैं। सेना के जिन अधिकारियों-कर्मचारियों के नाम शामिल किए गए हैं, वह विभिन्न जगहों पर अहम पदों पर तैनात हैं। मेजर भावेश कुमार सेना की भर्ती शाखा में ग्रुप टेस्टिंग ऑफिसर एसएसबी सिलेक्शन सेंटर नॉर्थ कपूरथला में तैनात हैं जबकि लेफ्टिनेंट कर्नल सुखदेव अरोड़ा महानिदेशक भर्ती नई दिल्ली कार्यालय में संयुक्त निदेशक के पद पर तैनात हैं।