नई दिल्ली, 30 अप्रैल (हि.स.)। भारत की सशस्त्र सेना को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अपने प्रयासों को बढ़ाने के लिए शुक्रवार को आपातकालीन वित्तीय अधिकार दिए गए हैं, जिसकी दूसरी लहर ने पिछले कुछ हफ्तों में देश में तबाही ला दी है। ये नई आर्थिक शक्तियां सेना को सुविधाएं संचालित करने, उपकरण एवं संसाधन खरीदने और किसी भी आवश्यक कार्य को करने में मदद करेंगी। इससे अस्पतालों, संगरोध सुविधाओं की स्थापना करने और उपकरणों की खरीद के लिए मंजूरी नहीं लेनी पड़ेगी।
देश में कोविड के मौजूदा संकट से तीनों सेनाएं पूरी मजबूती के साथ लड़ रही हैं। सैन्य अस्पताल आम नागरिकों के लिए खोल दिए गए हैं और सेना का मेडिकल स्टाफ विभिन्न राज्य सरकारों को उपलब्ध कराया जा रहा है। वायुसेना के परिवहन विमान भी देश में ऑक्सीजन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए लगातार घरेलू और विदेशी उड़ानें भर रहे हैं। भारतीय नौसेना ने तरल ऑक्सीजन से भरे क्रायोजेनिक कंटेनर और संबंधित चिकित्सा उपकरणों की शिपमेंट के लिए ऑपरेशन समुद्र सेतु-II लॉन्च किया है। इन सब स्थितियों को देखते हुए सशस्त्र बलों को आपातकालीन वित्तीय अधिकार दिए गए हैं ताकि उनके प्रयासों को और तेज किया जा सके।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को विशेष प्रावधानों के तहत सशस्त्र बलों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए आपातकालीन वित्तीय अधिकार दिए हैं ताकि उन्हें सशक्त बनाया जा सके। यह वित्तीय अधिकार सेना के कमांडरों को संगरोध सुविधाएं, अस्पताल स्थापित करने और उन्हें संचालित करने में मदद करेंगे। महामारी संकट के लिए आवश्यक विभिन्न सेवाओं और कार्यों के प्रावधान के अलावा उपकरणों, वस्तुओं, सामग्रियों की खरीद और मरम्मत करा सकेंगे। कोविड-19 महामारी की पहली लहर के समय पिछले साल भी सशस्त्र बलों को आपातकालीन शक्तियां स्वीकृत की गई थीं जिससे सशस्त्र बलों को तेजी और प्रभावी तरीके से कोविड संकट से निपटने में मदद मिली थी।
प्रवक्ता के अनुसार सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीआईएससी) के एकीकृत चीफ स्टाफ के प्रमुख सहित जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ और तीनों सेनाओं के समकक्षों को पूरी शक्तियां दी गई हैं। कोर कमांडर और एरिया कमांडरों को 50 लाख रुपये तक की शक्तियां सौंपी गई हैं। डिवीजन कमांडरों, सब एरिया कमांडरों और समकक्षों को 20 लाख रुपये तक के वित्तीय अधिकार दिए गए हैं। फिलहाल यह वित्तीय शक्तियां 01 मई से 31 जुलाई 2021 तक तीन महीने की अवधि के लिए दी गई हैं। यह वित्तीय अधिकार पिछले सप्ताह सशस्त्र बलों के चिकित्सा अधिकारियों को सौंपी गई आपातकालीन शक्तियों के अतिरिक्त हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सैन्य बलों के प्रमुख सीडीएस जनरल बिपिन रावत, वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे से मुलाक़ात करके कोविड प्रबंधन में मदद के लिए सेनाओं की ओर से किये जा रहे इंतजामों के बारे में जानकारी ले चुके हैं। सीडीएस रावत प्रधानमंत्री मोदी को बता चुके हैं कि पिछले दो वर्षों में सशस्त्र बलों से सेवानिवृत्त हुए सभी चिकित्सा कर्मियों को वापस बुलाया गया है और उन्हें उनके घरों के पास कोविड अस्पतालों में तैनात किया जाएगा। जनरल रावत ने यह भी कहा कि सेना के पास उपलब्ध ऑक्सीजन सिलेंडरों को उन अस्पतालों में भेज दिया जाएगा, जिन्हें जरूरत है। सेनाध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया है कि सेना जरूरत के हिसाब से सिविल प्रशासन के लिए अस्पताल स्थापित करने के लिए तैयार है और लोगों से अपने नजदीकी सेना अस्पतालों का रुख करने का आग्रह किया गया है।