असम : एनआरसी सूची से कटा 19 लाख से अधिक लोगों का नाम

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नियम-4ए तथा नागरिकता की इसी अनुसूची (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियम,2003 द्वारा शासित है। इन नियमों तथा असम समझौते के अनुसार 24 मार्च,1971 (मध्यरात्रि) की तिथि को आधार वर्ष तय किया गया था।



गुवाहाटी, 31 अगस्त (हि.स.)। असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) अद्यतन की प्रक्रिया 2013 में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार शुरू की गई थी। तब से शीर्ष न्यायालय पूरी प्रक्रिया की बारीकी से निगरानी कर रहा है। असम में एनआरसी अद्यतन की प्रक्रिया देश के बाकी हिस्सों से अलग है और नियम-4ए तथा नागरिकता की इसी अनुसूची (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियम,2003 द्वारा शासित है। इन नियमों तथा असम समझौते के अनुसार 24 मार्च,1971 (मध्यरात्रि) की तिथि को आधार वर्ष तय किया गया था।
एनआरसी के प्रकाशन के बाद एनआरसी के प्रदेश संयोजक प्रतीक हाजेला ने बयान जारी कर बताया कि एनआरसी आवेदन फॉर्म की प्राप्ति की प्रक्रिया मई 2015 के अंत में शुरू हुई और 31 अगस्त,2015 को समाप्त हुई। कुल 3 करोड़ 30 लाख 27 हजार 661 सदस्यों ने 68 लाख 37 हजार 660 आवेदन फॉर्म के जरिए अपना आवेदन किया था। एनआरसी में उनके समावेश की पात्रता निर्धारित करने के लिए आवेदकों का विवरण जांच के लिए लिया गया था। एनआरसी अद्यतन का कार्य एक भारी भरकम काम था, जिसमें लगभग राज्य सरकार के 52 हजार अधिकारी व कर्मचारी लंबे समय तक काम करते रहे।
सूची में नाम शामिल करने और बहिष्करण के सभी निर्णय इन्हीं वैधानिक अधिकारियों द्वारा लिए गए हैं। एनआरसी अध्यतन की पूरी प्रक्रिया सावधानीपूर्वक, उद्देश्यपूर्ण एवं पारदर्शी तरीके से किए जाने का एनआरसी के प्रदेश संयोजक प्रतीक हाजेला ने दावा किया है। इस दौरान जिस भी व्यक्ति का नाम एनआरसी में तथ्यों के आधार पर शामिल नहीं किया गया, उनको सुनाई के लिए पर्याप्त अवसर प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में दिया गया। पूरी प्रक्रिया वैधानिक प्रावधानों के अनुसार आयोजित की गई और प्रत्येक चरण में नियत प्रक्रिया का पालन किया गया है।
देश के सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार, ड्राफ्ट एनआरसी (कम्पलीट ड्राफ्ट) 30 जुलाई,2018 को प्रकाशित की गई थी, जिसमें 2,89,83,677 व्यक्तियों को शामिल किए जाने के लिए योग्य पाया गया था। इसके बाद, 36 लाख 26 हजार 630 लोगों को अपवर्जन के खिलाफ दावे प्राप्त हुए। नागरिकता की अनुसूची (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियम, 2003 की धारा-4(3) के तहत ड्राफ्ट एनआरसी में शामिल व्यक्तियों का सत्यापन भी किया गया था।
एक लाख 87 हजार 633 व्यक्तियों को शामिल किए जाने के खिलाफ आपत्तियां प्राप्त हुईं, जिनके नाम पूर्ण प्रारूप में दिखाई दिए थे। एक और अतिरिक्त ड्राफ्ट बहिष्करण सूची 26 जून,2019 को प्रकाशित की गई थी, जिसमें एक लाख दो हजार 462 व्यक्तियों को बाहर रखा गया था। क्लॉज-4(3) के तहत सभी दावों, आपत्तियों और कार्यवाही के निपटान के बाद पहले से ही शामिल सभी लोगों को ध्यान में रखते हुए, यह पाया गया है कि कुल 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार चार व्यक्ति अंतिम एनआरसी में शामिल होने के योग्य पाए गए हैं। जबकि 19 लाख 6 लाख 657 व्यक्तियों का नाम एनआरसी में शामिल नहीं किया गया। इन व्यक्तियों में वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने अपना दावा प्रस्तुत नहीं किया।
शनिवार सुबह 10 बजे अंतिम सूची की हार्ड कॉपी एनआरसी सेवा केंद्रों (एनएसके), उपायुक्त के कार्यालयों और सर्किल के कार्यालयों में उलब्ध कराए गए हैं। जिन व्यक्तियों का नाम एनआरसी में शामिल किया गया है या जिनका नाम सूची से बाहर किया गया है, दोनों स्थिति में एनआरसी की वेबसाइट (www.nrcassam.nic.in) पर ऑनलाइन देखा जा सकता है। कोई भी व्यक्ति जो दावों और आपत्तियों के परिणाम से संतुष्ट नहीं हैं, वे विदेशी ट्रिब्यूनल के समक्ष अपील दायर कर सकते हैं।

 


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