मुंबई, 18 सितंबर (हि.स.)। बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद के आवास और आफिस समेत विभिन्न ठिकानों पर शनिवार को लगातार चौथे दिन भी आयकर विभाग की छापेमारी जारी रही। आयकर विभाग ने मुंबई, लखनऊ, कानपुर, जयपुर, दिल्ली और गुरुग्राम सहित 28 ठिकानों पर तीन दिन की छापेमारी के बाद 20 करोड़ की टैक्स चोरी का दावा किया है, जबकि चौथे दिन की कार्रवाई का ब्योरा नहीं मिल सका है। आयकर की इस कार्रवाई पर सोनू सूद की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने शनिवार को एक बयान में बताया कि विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के उल्लंघन के अलावा, अब तक सोनू सूद और उनके सहयोगियों द्वारा 20 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है। बयान के मुताबिक अभिनेता और उनके सहयोगियों के ठिकानों की तलाशी के दौरान कर चोरी से संबंधित सबूत मिले हैं। 48 वर्षीय अभिनेता ने फर्जी संस्थाओं से फर्जी और असुरक्षित ऋण के रूप में बेहिसाब पैसे जमा किए। आयकर विभाग ने बुधवार से लगातार तीन दिनों तक मुंबई, लखनऊ, कानपुर, जयपुर, दिल्ली और गुरुग्राम में कुल 28 परिसरों की तलाशी ली। आयकर विभाग की कार्रवाई आज चौथे दिन भी जारी रही, लेकिन आज की कार्रवाई का ब्योरा नहीं मिल सका है।
आयकर विभाग की टीम ने सोनू सूद चैरिटी फाउंडेशन में विदेशी धन के लेन-देन में कानून का उल्लंघन पाया है। फाउंडेशन ने 1 अप्रैल 2021 से अब तक 18.94 करोड़ रुपये का चंदा इकट्ठा किया है, जिसमें से उन्होंने विभिन्न राहत कार्यों के लिए करीब 1.9 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जबकि शेष 17 करोड़ रुपये फाउंडेशन के बैंक खाते में बगैर इस्तेमाल के पाए गए। सीबीडीटी ने कहा कि ऐसा देखा गया है कि फाउंडेशन ने क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म पर एफसीआरए का उल्लंघन करते हुए 2.1 करोड़ रुपये की राशि जुटाई है।
आयकर विभाग का दावा है कि सोनू सूद अपनी आय को लेकर जो जानकारी दे रहे हैं, वह विश्वास से परे है। सोनू सूद के ठिकानों पर ऐसे दस्तावेज मिले, जिनसे पता चलता है कि उन्होंने टैक्स चोरी की है। आयकर विभाग ने उनके चैरिटी ट्रस्ट पर एफसीआरए के उल्लंघन का भी आरोप लगाया है। आयकर के इस खुलासे के बाद आने वाले समय में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी इस मामले की जांच कर सकती है।
आयकर विभाग के मुताबिक लखनऊ की एक इंफ्रा कंपनी पर छापा मारा गया। इस कंपनी ने बड़े पैमाने पर आयकर चोरी की है। 11 लॉकर्स का भी पता चला है। इस कंपनी के 175 करोड़ रुपये के लेन-देन भी संदेह के घेरे में हैं, जिसकी जांच जारी है। उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत राजस्व विभाग का एक अंग है और यह सीबीडीटी द्वारा संचालित है।