भुवनेश्वर, 07 अगस्त (हि.स.)। ओलम्पिक खेलों के दौरान हाकी टीम के प्रदर्शन ने देश में हाकी को लेकर एक नया उत्साह दिख रहा है। भारतीय पुरुष हाकी टीम ने 4 दशक के बाद ओलम्पिक में पदक हासिल करने में सफलता प्राप्त की है जबकि महिला हाकी टीम भी पदक हासिल करते-करते चूक गई। भारत की हाकी जब मुरझा रही थी और उसे प्रोत्साहन की सबसे अधिक आवश्यकता थी तब ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक हाकी फेडरेशन के पीछे खड़े हुए तथा आवश्यक आर्थिक प्रबंध किया। इसका परिणाम आज ओलम्पिक खेलों में स्पष्ट दिख रहा है। इसलिए हाकी की वर्तमान स्थिति का श्रेय पटनायक को दिया जा सकता है। वहीं ओडिशा सरकार ने ओलम्पिक खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों का प्रदेश में आगामी 17 अगस्त को भव्य स्वागत करने का फैसला किया है। सरकारी अमला इसकी तैयारियों में जोरशोर से जुटा है।
साल 2018 में भारतीय हाकी काफी बुरे दौर से गुजर रही थी। इसी साल सहारा कंपनी भारतीय हाकी टीम के स्पांसरशिप से बाहर आ गई थी। इस बुरे समय में मुख्यमंत्री पटनायक हाकी इंडिया के तारणहार बने। ओडिशा सरकार ने हाकी इंडिया से पुरुष और महिला हाकी टीम के लिए पांच साल तक के स्पांसर के रूप में करार किया। हाकी विशेषज्ञों का मानना है कि यह भारतीय हाकी को फिर से उठ खड़ा होने के लिए एक जीवनदान की तरह था।
ओलम्पिक के बाद भारतीय पुरुष हाकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह और महिला हाकी टीम के कप्तान रानी रामपाल ने मुख्यमंत्री पटनायक के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि उनकी सहायता के बिना हाकी को यह प्रतिष्ठा नहीं मिल सकती थी।
साल 2018 में ओडिशा सरकार ने भुवनेश्वर के कलिंग स्टेडियम में विश्व हाकी लीग की मेजबानी की थी। साल 2023 में आयोजित होने वाले विश्वकप हाकी का भी आयोजन ओडिशा में होगा। भुवनेश्वर में कलिंग स्टेडियम और राउरकेला के वीरसा मुंडा स्टेडियम में यह वैश्विक प्रतियोगिता आयोजित होगी।
उधर ओलम्पिक खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों का ओडिशा में आगामी 17 अगस्त को भव्य स्वागत किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार जोरदार तैयारी कर रही है।