इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रवीण जड़िया ने बताया कि सोमवार की रात एमआरटीबी अस्पताल में भर्ती कोरोना पॉजीटिव महिला की मौत हो गई। यहां चन्दन नगर में रहने वाली 49 वर्षीय मरीज का नाम जरीन था। उसे ब्लड प्रेशर और डायबिटीज भी था। उसे अरिहंत अस्पताल से गंभीर हालत में एमआरटीबी में शिफ्ट किया गया था, जहां देर रात करीब साढ़े 10 बजे उसकी मौत हो गई। इससे पहले सोमवार को ही सुबह इंदौर में एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत हुई थी। डॉ. जड़िया ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव मरीज 41 वर्षीय साजिद पुत्र शेष अलीम को पहले इंदौर सीएचएल अस्पताल में भर्ती था, जहां उसका इलाज जारी था। रविवार को देर रात उसकी रिपोर्ट कोराना पॉजीटिव आने के बाद उसे सीएचएल अस्पताल से एमआरटीबी अस्पताल में शिफ्ट किया गया था, जहां सोमवार सुबह उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। इससे पहले इंदौर में एक और उज्जैन में दो कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है। इस प्रकार अब तक मध्यप्रदेश में कोरोना से पांच लोगों की मौत हो चुकी है।
इंदौर में मिले 17 नये कोरोना पॉजीटिव
इंदौर में कोरोना संक्रमित 17 नये मरीज मिले हैं। यह अभी तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है, जिसके चलते कुल यहां मरीजों की संख्या 49 हो गई है।(इनमें उज्जैन के पांच मरीज भी शामिल हैं) इनमें पांच लोगों की मौत हो चुकी है। कलेक्टर मनीष सिंह ने मंगलवार को सुबह इन 17 नए मरीजों की पुष्टि करते हुए बताया कि इनमें ज्यादातर मरीज मुस्लिम इलाकों से ही जुड़े हैं, जो शुरुआती मरीजों के संपर्क में आने के कारण संक्रमित हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि 17 मरीजों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है, लेकिन अभी इनका विस्तृत विवरण भोपाल की प्रयोगशाला से नहीं मिला है। इसीलिए सोमवार को देर रात जारी मेडिकल बुलेटिन में इसका उल्लेख नहीं किया गया। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि रविवार को इंदौर में 70 नमूनों की जांच की गई थी जबकि शेष 44 नमूने भोपाल भेजे गए थे। भोपाल भेजे गए इन 44 नमूनों में से 17 की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। हालांकि विभाग इनमें से 13 नमूनों की दोबारा जांच करा रहा है। इसके बाद ही इन नये लोगों को मंगलवार रात जारी होने वाले बुलेटिन में शामिल किया जाएगा।
इंदौर में स्थिति तीसरे चरण में पहुंच गई है। यहां चंदन नगर, रानीपुरा, हाथीपाला, सहित जिन क्षेत्रों से शुरुआत में कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए थे। वहां पर पहले सतर्कता नहीं बरती गई और लॉकडाउन का भी पुलिस प्रशासन ने सख्ती से पालन नहीं करवाया। इसीलिए यहां पॉजिटिव मरीजों ने अन्य कई लोगों को भी संक्रमित कर दिया। हालांकि बीते 48 घंटे में नवागत कलेक्टर मनीष सिंह ने रात दिन भिड़ पर नियंत्रण के प्रयास भी किये हैं, जिसके चलते ज्यादा से ज्यादा संदिग्ध मरीजों को क्वारेंटाइन सेंटरों में भिजवाया गया है। अब यहां टोटल लॉकडाउन कर सभी तरह की सप्लाई पर भी रोक लगा दी गई है और अब पुलिस और प्रशासन लोगों पर सख्ती भी दिखा रहा है। सीएचएमओ डॉ. प्रवीण जड़िया का कहना है कि ज्यादातर कोरोना मरीजों की ट्रवेल हिस्ट्री नहीं है और यह साफ लग रहा है कि यह सामुदायिक संक्रमण का शिकार हुए। कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है कि जनता को घबराने की जरूरत नहीं है और पूरी ताकत से प्रशासन स्थिति पर नियंत्रण में बनाए रखने में रात दिन जुटा है। हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा संदिग्धों को क्वारेंटाइन सेंटरों में भिवजाया जाए, ताकि ये अन्य लोगों को संक्रमित न कर सकें।
पुराने 18 कोरोना मरीज तेजी से ठीक भी हो रहे हैं
कलेक्टर का कहना है कि कोरोना की दहशत ज्यादा है, जबकि उसका इलाज आसान है। मरीज अगर खुद को 14 दिन के लिये आइसोलेशन में रख लेता है तो खुद ही ठीक हो सकता है। इंदौर में जो पूर्व में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले, उनमें से 18 मरीज तेजी से ठीक हो रहे हैं और अगले 3-4 दिनों में इन्हें अस्पतालों से छुट्टी भी दे दी जाएगी। उन्होंने कहा है कि जनता घबराये नहीं और स्वाइन फ्लू से लेकर अन्य बीमारियों की तुलना में कोरोना का इलाज अधिक आसान है। बस इसका संक्रमण तेजी से फैलता है, लिहाजा सावधानी ज्यादा जरूरी है।