एफएटीएफ की बैठक पेरिस में शुरू, पाकिस्तान के भविष्य पर होगा फैसला
पेरिस, 17 फरवरी (हि.स.)। पेरिस में रविवार को एफएटीफ की बैठक की शुरुआत हो गई है। यह बैठक 21 फरवरी तक चलेगी। इस बैठक में पाकिस्तान के भविष्य को लेकर महत्वपूर्ण फैसला लिया जाएगा। यह फैसला पाकिस्तान के ग्रै सूची में बने रहने या हटाए जाने या फिर काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में डाले जाने पर होगा।
उल्लेखनीय है कि ईरान और उत्तर कोरिया को एफएटीफ ने काली सूची में डाल दिया था। इस बैठक में जहां पूरे विश्व की निगाहें पाकिस्तान पर टिकी हैं तो, भारत की नजर सऊदी-अरब की ओर है।
सऊदी अरब इन चार देशों में शामिल है जिसने पेरिस की इस महत्वपूर्ण बैठक में पाकिस्तान को काली सूची में जाने से बचाया था। तुर्की ने खुले तौर पर अपनी मंशा जताई है कि वह इसमें पाकिस्तान का समर्थन कर सकता है। वहीं सऊदी अरब भी इस मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है। इसके साथ ही मलेशिया और चीन भी पाकिस्तान का समर्थन कर रहे हैं।
इन देशों में सऊदी अरब को छोड़कर अन्य तीन देशों ने कश्मीर मुद्दे पर भी पाकिस्तान का समर्थन किया है।
इस बैठक से पहले पाकिस्तान ने एफएटीएफ को सूचित किया है कि मसूद अजहर और उसका परिवार लापता हो गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मुखिया मसूद अजहर एफएटीएफ के प्रतिबंधों से बचने के लिए मसूद अजहर पाकिस्तान से लापता हो गया है।
उल्लेखनीय है कि फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के बाद अजहर पर प्रतिबंध लगा दिए गए थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि वह वर्तमान में रावलपिंडी और इस्लामाबाद के सुरक्षित घरों में रह रहा है और तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के अधिकारियों मे मिल रहा है। संगठन अपने परिवार के सदस्यों सीधे आदेशों के तहत धन जुटा रहा है और संचालन कर रहा है।
आतंकवाद पर लगाम लगाने पर पाकिस्तान पर दवाब बना हुआ है। पाकिस्तान कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी छवि खराब कर चुका है।
हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शह महमूद कुरैशी ने पुलवामा हमले के कुछ महीनों के बंद एक साक्षात्कार में कहा था कि अजहर निश्चित रूप से पाकिस्तान में है। वह इतना बीमार है कि घर से बाहर भी नहीं जा सकता। उस समय पाकिस्तान ने अजहर के विरोध में कार्वाई करने का वादा किया था आगर उसके विरुद्ध भारत सबूत पेश कर देता है।