फर्रुखाबाद, 04 फरवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश का फर्रुखाबाद जिला इस समय बारूद के ढेर पर बैठा हुआ है। इस मामले में आईजी के निर्देश पर मंगलवार को खुफिया विभाग सक्रिय हो गया है। खुफिया विभाग ने आतिशबाजी की दुकानों के दस्तावेज लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। आईजी ने यह निर्देश बरेली जिले में ढाई कुंतल बारूद की बरामदगी के बाद दिए हैं। बरेली में पकड़ा गया विस्फोटक फर्रुखाबाद से ही भेजा गया था।
थाना मोहम्मदाबाद के गांव करथिया में 23 बच्चों को बंधक बनाने वाले दंपत्ति के मारे जाने पर जब शातिर सुभाष के घर की तलाशी ली गई तो वहां से 15 किलो बारूद बरामद हुआ। इस मामले में पुलिस आज तक पता नहीं लगा पाई कि यह बारूद कहां से लाया गया था। सोमवार को फर्रुखाबाद से गई रोडवेज की बस में इंजन के पास ढाई कुंतल बारूद बरामद हुआ। फर्रुखाबाद जिले में 13 पटाखा विक्रेताओं को लाइसेंस दिए गए हैं। 30 आतिशबाजों को बारूद रखने का लाइसेंस दिया गया है। सरकारी निर्देशों के मुताबिक 450 किलो आतिशबाजी और 5 किलो से ज्यादा बारूद लाइसेंसधारक नहीं रख सकते लेकिन यहां से इतनी बड़ी तादाद में बारूद कहां से सप्लाई की जा रही है, इसकी जानकारी पुलिस विभाग को भी नहीं है।
बरेली में परिवहन निगम की बस में इंजन के पास बरामद विस्फोटक में यदि गर्मी की वजह से विस्फोट हो जाता तो बस में सवार यात्रियों की हालत एक माह पहले पड़ोसी जिला कन्नौज में आग का गोला बनी बस से कम नहीं होती। कन्नौज के छिबरामऊ थाना क्षेत्र में बस आग लग जाने से उसमें सवार 10 से अधिक यात्री जिंदा जल और 35 झुलस गए थे। बरेली में फर्रुखाबाद से गई बस में बारूद बरामद होने के बाद अब लोग कहने लगे हैं कि कहीं चतुर्वेदी बस सर्विस की बस में बारुद तो नहीं रखा था।
इस मामले में आईजी मोहित अग्रवाल से जब जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि बरेली में पकड़ा गया बारूद फर्रुखाबाद से ही गया था। अब इतनी भारी मात्रा में बारूद कहां से आया है और कौन सप्लाई कर रहा है, इसकी जांच फर्रुखाबाद की पुलिस और खुफिया विभाग को सौंपी गई