अब किसान भी कर सकेंगे बिजली का उत्पादन : ऊर्जा मंत्री

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ऊर्जा संरक्षण दिवस पर मंत्री ने लांच की कुसुम ए व सी योजना सूर्य मित्रों को रोजगार देगा आदित्य ऐप



मथुरा, 14 दिसम्बर (हि.स.)।  उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री पं. श्रीकान्त शर्मा ने शनिवार को मथुरा में कहा कि सूबे के किसान भी आने वाले दिनों में बिजली का उत्पादन करेंगे। उन्होंने कहा कि इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी बल्कि प्रदेश के विकास की गाड़ी में ईंधन भी उनके खेत का ही होगा।
पं. श्रीकान्त शर्मा विश्व एवं राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर मथुरा के खंडेलवाल सेवा सदन में यूपीनेडा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में पीएम किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (कुसुम योजना- ए व सी) और अदित्य ऐप का शुभारंभ कर रहे थे।
इस दौरान ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कुसुम-ए के तहत किसान अपनी जमीन पर 0.5-2 मेगावॉट तक के सोलर एनर्जी प्लांट लगा सकते हैं। उन्होंने बताया कि मौजूदा वर्ष में सरकार कुल 75 मेगावाट की क्षमता के ऐसे सोलर प्लांट किसानों और विकासकर्ताओं की मदद से लगवाएगी। सरकार यह बिजली उचित दर पर खरीदेगी और किसान को प्रत्यक्ष लाभ होगा।
श्री शर्मा ने बताया कि कुसुम-सी के तहत मौजूदा निजी ट्यूबवेलों को ग्रिड कनेक्टेड सोलर पम्पसेट्स में बदला जाएगा। इसके लिए उसे सब्सिडी भी दी जाएगी और सिंचाई के लिए किसान की बिजली पर निर्भरता समाप्त होगी। आमतौर पर 150-185 दिनों तक किसान सिंचाई करता है। अन्य दिनों पैनल से बनी बिजली ग्रिड में जाएगी और किसान बिजली बेचकर भी आमदनी कर सकेगा।
ऊर्जा मंत्री ने यूपीडेस्को द्वारा बनाये गए आदित्य-टी एंड ई ऐप को लांच करते हुए बताया कि यह ऐप प्रदेश के 6000 प्रशिक्षित सूर्यमित्रों के लिए रोजगार के पोर्टल और गैर प्रशिक्षित युवाओं को ट्रेनिंग और प्लेसमेंट दिलाने में मददगार होगा। वहीं आदित्य-सी ऐप की मदद से सौर ऊर्जा संयंत्रों का उपयोग कर रहे उपभोक्ता किसी खराबी पर उसे ठीक कराने के लिए नजदीकी सूर्यमित्र से संपर्क कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत को क्लाइमेट चेंज परफॉर्मेंस इंडेक्स में नौवीं रैंक मिली है। पहली बार भारत टॉप 10 में आया है। ऐसा अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देकर ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने व ऊर्जा के बेहतर इस्तेमाल से हुआ। उन्होंने कहा कि चीन, अमेरिका, रूस और  ऑस्ट्रेलिया रैंकिंग में काफी पीछे हैं।
मंत्री ने बताया कि मई 2014 तक देश में सौर ऊर्जा का उत्पादन सिर्फ 2650 मेगावाट था। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2022 तक एक लाख मेगावाट ग्रिड कनेक्टेड सौर ऊर्जा और विभिन्न वैकल्पिक स्रोतों से एक लाख 75 हजार मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन संभव होने जा रहा है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 तक उत्तर प्रदेश में 10700 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है। सिंचाई के लिए 25 हजार 511 सोलर पंप दिए जा चुके हैं। प्राथमिक विद्यालयों में स्वच्छ पेयजल के लिए 2727 सोलर आरओ वाटर प्लांट लगाए जा चुके हैं। प्रदेश भर में 2 लाख 70 हजार सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं।
श्री शर्मा ने आगे बताया कि उजाला योजना के तहत उत्तर प्रदेश में दो  करोड़ 60 लाख एलईडी बल्ब बांटे गए हैं। इससे सालाना 3383 मिलियन यूनिट बिजली और 1354 करोड़ रुपये की बचत हो रही है। पीक आवर्स में मांग 677 मेगावाट घटी है। 2.46 मिलियन टन कार्बन का उत्सर्जन घटा है।
मंत्री ने छात्रों और उपस्थित लोगों से कहा कि ऊर्जा संरक्षण और क्लीन एनर्जी-ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए सरकार एलईडी बल्ब, सोलर स्ट्रीट लाइट, सोलर पंप, विंड एनर्जी, बायोमास फ्यूल, इलेक्ट्रिक वाहन और नैचुरल गैस को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने लोगों से कहा कि वे भी बिजली, पानी, गैस की बर्बादी रोककर ‘पृथ्वी रक्षक’ की भूमिका निभा सकते हैं।
इस मौके पर ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री ने छात्रों द्वारा बनाये गए ऊर्जा संरक्षण के प्रोजेक्ट्स पर उन्हें सम्मानित किया और सभी को ऊर्जा संरक्षण की शपथ दिलाई।

 


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