गाजियाबाद, 29 दिसम्बर (हि. स.)। यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर धरनारत किसानों ने बुधवार को महापंचायत बुलाई है। इस पंचायत में भाकियू के पक्ष में जुटे विपक्षी दलों के ऐलान के बाद बड़ी संख्या में किसान महापंचायत में पहुंच सकते हैं। इसे लेकर जिला प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी किया गया है। मेरठ जोन के आईजी कानून प्रवीण कुमार सहित कई अधिकारियों ने डेरा डाल दिया है। जिलाधिकारी डॉ. अजय शंकर पांडेय का कहना है कि एक एक गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
उधर, भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रमुख जयमलिक का कहना है कि किसान पिछले एक माह से धरनारत हैं। आगे का फैसला लेने के लिए 30 दिसम्बर की दोपहर 2 बजे गाजीपुर टोल स्थित धरनास्थल पर महापंचायत बुलाई गई है। गांव-गांव से किसानों को आमंत्रित किया है, ताकि सबकी मौजूदगी में ठोस फैसला हो सके। उन्होंने बताया कि आंदोलनरत किसान नेताओं को धरनास्थल से इस पंचायत में अधिक से अधिक किसानों को लाने की जिम्मेदारी भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सौंपी है। भाकियू नेताओं के इस निर्णय के पक्ष में विपक्षी दल कांग्रेस, रालोद, आप, सपा सहित अन्य दल भी समर्थको संग इस पंचायत में पहुंचेंगे। पंचायत में गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, हापुड़, बुलंदशहर समेत पूरे पश्चिमी यूपी से बड़ी संख्या में किसानों के इस महापंचायत में आने की उम्मीद को लेकर जिला प्रशासन चौकस हो गया है और हाईअलर्ट कर दिया गया है। पंचायत को लेकर बन रही रणनीति पर नजर रखने के लिए पुलिस प्रशासन की पूरी टीम लगायी गयी है।
डीएम अजयशंकर पांडे,एसएसपी कलानिधि नैथानी, समेत कई अधिकारी आज भी डटे रहे। मेरठ जोन के एडीजी राजीव सबरवाल ने मंगलवार को जिले के पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों से किसानों के आंदोलन को लेकर वार्ता की। मेरठ जोन के आईजी प्रवीण कुमार ने पीएसी बटालियन के सभागार में एसएसपी सहित सभी एडिशनल एसपी के साथ बैठक की। किसान आंदोलन पर विस्तृत चर्चा हुई। महापंचायत में दिल्ली जाने वाले किसानों को लेकर भी मंथन हुआ।
सूत्रों ने बताया कि पुलिस अफसरों ने खुफिया विभाग की दी गयी रिपोर्ट के जरिये आज कई गांवों का दौरा किया। प्रमुख किसान नेताओं के अलावा विपक्षी दलों के नेताओं से बात की। यूपी सीमा गजियाबाद में प्रवेश करने वाले सम्पर्क मार्ग लोनी, बागपत, हापुड़, मेरठ आदि से जुड़े स्थानों पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। इन संपर्क मार्गों, हाइवे से कब, कहां के कितने किसान गुजर रहे हैं। यह लेखा-जोखा तैयार हो रहा है। पुलिस के अलावा एलआईयू को भी तैनात किया गया है। उधर, किसान आंदोलन में भीड़ कम होने की अपेक्षा लगातार बढ़ती जा रही है। किसान आंदोलन में बने मंच से वक्ताओं का गुस्सा प्रधानमंत्री और सरकार की अपेक्षा अडानी और अंबानी पर ज्यादा उतर रहा है। वक्ताओं का कहना कि अडानी और अम्बानी किसी भी क्षेत्र को नहीं छोड़ना चाहते हैं। वह कृषि से लेकर खेल और सभी क्षेत्रों से मोटी रकम कमाना चाहते हैं। वक्ताओं का कहना था कि अभी तक आइपीएल क्रिकेट प्रतियोगिताओं में केवल आठ टीमें थी लेकिन अब एक टीम ओर बढ़ा दी गई है। ये टीम गुजरात से होगी जोकि अडानी की टीम होगी।