कर्नाटक में 14 माह पुरानी कुमारस्वामी सरकार गिरी

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बहुमत नहीं साबित कर पाए, विश्वासमत के पक्ष में 99 और विरोध में 105 मत पड़े 



 दिल्ली, 23 जुलाई (हि.स.)। आखिरकार कर्नाटक के राजनीतिक नाटक का मंगलवार शाम पटाक्षेप हो गया। विधानसभा में कुमारस्वामी बहुमत साबित नहीं कर पाए। उनकी सरकार गिर गई है।सरकार गिरने के बाद कुमारस्वामी ने कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई वाला से मिलने का समय मांगा है। इसी के साथ राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज हो गई है कि येदियुरप्पा प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री हो सकते हैं। मत विभाजन के दौरान विश्वासमत के पक्ष में 99 और विरोध में 105 वोट पड़े। इस बीच बेंगलुरु में एहतियातन आगामी 48 घंटे के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है।

इससे पहले कांग्रेस नेता सिद्धरमैया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सदस्य और नेता प्रतिपक्ष येदियुरप्पा के बीच बागी विधायकों को जारी व्हिप को लेकर सदन में तर्क-वितर्क हुआ। मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी द्वारा लाए गए विश्वास मत प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान येदियुरप्पा ने कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया से कहा कि बागी विधायकों को उनके द्वारा जारी किए गए व्हिप का कोई मूल्य नहीं है। भाजपा नेता ने कहा, ‘‘कानून की मेरी समझ यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों (बागी) को व्हिप से संरक्षण प्रदान किया है। उन्हें विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। आप चाहे मुझसे सहमत हों या न हों, लेकिन आपके व्हिप का कोई मूल्य नहीं है।’
मंगलवार शाम कुमारस्वामी ने सदन में विश्वास मत प्रस्ताव पेश किया। इस पर स्पीकर ने वोटिंग कराई। सदन में इस दौरान 204 विधायक मौजूद रहे। कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में 99 और भाजपा के पक्ष में 105 वोट पड़े। इस प्रकार छह मत से गठबंधन सरकार गिर गई।

 


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