कुशीनगर की चीनी मिलें गन्ना मूल्य भुगतान में फिसड्डी, सिर्फ 30 फीसद भुगतान

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कप्तानगंज चीनी मिल ने इस वर्ष एक रुपया नही दिया, पिछले वर्ष का 13.42 करोड़ रुपया बकाया अलग 



कुशीनगर, 09 जनवरी (हि.स.)। कुशीनगर जिले की पांच चीनी मिलों ने इस सत्र का सिर्फ 30 फीसदी ही गन्ना मूल्य भुगतान किया है। कप्तानगंज चीनी मिल ने तो इस वर्ष एक रुपया भी भुगतान नहीं किया है। इस चीनी मिल पर पिछले वर्ष का 13.42 करोड़ रूपया गन्ना मूल्य का भुगतान अभी भी बकाया है। इस स्थिति से किसान नाराज हैं। किसान व राजनीतिक संगठनों ने सरकार की लचर नीति को जिम्मेदार बताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
कुशीनगर जिले में निजी क्षेत्र की पांच चीनी मिलें-खड्डा, रामकोला, कप्तानगंज, सेवरही और ढाढा (हाटा) चल रही है। इन पांच चीनी मिलों ने इस वर्ष 2020-21 में अब तक 103.56 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की है जिसका कुल गन्ना मूल्य 226.54 करोड़ रुपए होता है। इसमें से अभी तक सिर्फ 30.7 फीसदी गन्ना मूल्य यानि 68.35 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। इन चीनी मिलों पर 158.18 करोड़ अभी गन्ना मूल्य बकाया है। कप्तानगज चीनी मिल ने इस सत्र का एक रुपए का भी भुगतान नहीं किया है। इस चीन मिल पर पिछले वर्ष का 13.42 करोड़ रुपया अभी भी बकाया है।
खड्डा और ढाढा चीनी मिल ने इस सत्र का अभी तक लगभग 50 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान किया है जबकि सेवरही और रामकोला ने एक चैथाई गन्ना मूल्य का ही भुगतान किया है। खड्डा चीनी मिल ने 6.54 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की है। इस चीनी मिल ने 49.84 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया है। ढाढा चीनी मिल ने 31.06 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई करते हुए कुल 50.62 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान किया है। रामकोला चीनी मिल ने 29.57 लाख क्विंटल गन्ना की पेराई करते हुए सिर्फ 26.04 और सेवरही ने 18.21 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई करते हुए 26.87 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान किया है।
आंदोलन की चेतावनी 
गन्ना मूल्य के धीमे भुगतान से किसानों में आक्रोश है। भारतीय किसान यूनियन (अम्बावता) के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने जिला गन्ना अधिकारी वेद प्रकाश सिंह से आठ जनवरी को मुलाकात कर गन्ना मूल्य भुगतान में देरी पर नाराजगी प्रकट की है। उन्होंने अधिकारी से किसानों को पर्ची मिलने में दिक्कत की भी समस्या उठाई। कहा कि कप्तानगंज चीनी मिल का भुगतान पेराई सत्र 2019-20 का बाकी है जिसके वजह से किसान परेशान है।
किसान नेता का कहना है कि किसानों के गन्ने का भुगतान 14 दिन में कराने का प्रावधान है जिसका पालन नहीं हो रहा है। यदि समय से गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं हुआ तो संगठन आंदोलन करने पर मजबूर होगा।
दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने भी गन्ना समस्या को लेकर मोर्चा खोलने की बात कही है। पूर्व मंत्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी ने दो दिन पूर्व प्रशासन को अल्टीमेटम दिया। जिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि कप्तानगंज चीन मिल जल्द ही पांच करोड़ रूपये गन्ना मूल्य का भुगतान करेगी। पर्ची की समस्या का भी हल किया जा रहा है।

 


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