सोनिया से मुलाकात के बाद बोले पायलट, पार्टी में गुटबाजी मीडिया की उपज, कांग्रेस में सब एक

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नई दिल्ली/जयपुर, 12 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दिल्ली दौरे के बाद शुक्रवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी से मिलने के लिए दस जनपथ पहुंचे। सोनिया गांधी से बहुप्रतिक्षित मुलाकात के बाद अपने तेवर बरकरार रखते हुए पायलट ने एक बार फिर दोहराया कि जिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पांच साल भाजपा शासन में धरने दिए, पदयात्राएं की, भूख हड़ताल की, लाठियां खाईं जेलों में गए, मुझे लगता है उन सभी को सही पहचान और मान-सम्मान देकर, उन्हें हम आगे रखकर काम करेंगे तो अच्छे परिणाम आ सकते हैं।

पार्टी में गुटबाजी की खबरों को आधारहीन बताते हुए पायलट ने कहा, मीडिया में चल रहा है कि राजस्थान में कांग्रेस में ग्रुप है लेकिन हम सब लोग एक ही पार्टी के हैं और कांग्रेस पार्टी के सिंबल पर ही जीत कर आए हैं और यह तेरा मेरा का समय नहीं हैं।

पायलट ने पार्टी आलाकमान से हुई मुलाकात का ब्यौरा देते हुए कहा कि सोनिया गांधी जी से आज लंबी मुलाकात हुई। सोनिया गांधी सारे मुद्दों को समझ रही हैं, पूरा फीडबैक उनके पास जा रहा है और उचित समय पर सही निर्णय लिया जाएगा। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि राजस्थान में कांग्रेस फिर से सत्ता में आए।

सचिन ने कहा कि राजस्थान में सरकार और संगठन में बदलाव करने की यदि कुछ जरूरत है तो बदलाव होने चाहिए। मुझे उम्मीद है कि एआईसीसी और राजस्थान सरकार बातचीत करके जल्द उचित निर्णय लेंगी। उन्होंने कहा, मैं ऐसा मानता हूं कि अब दो साल से कम का समय रहा है अगले चुनाव में और हम लोग चाहते हैं कि अगला चुनाव हम लोग पूरी मुस्तैदी, पूरी ताकत से लड़े क्योंकि हमेशा राजस्थान में पांच साल कांग्रेस की सरकार, पांच साल भाजपा की सरकार रहने की एक परिपाटी बन गई है। इस बार हम चाहते हैं कि बहुत मजबूती से संगठन को तैयार करें। कार्यकर्ताओं को मान सम्मान मिले, सबकी भागीदारी हो, सत्ता में संतुलन हो। उन्होंने कहा, 2023 के चुनाव में परिपाटी तोड़ने के लिए हम सबको अभी से काम करना, क्योंकि लोकसभा चुनाव भी 2024 में होंगे और राजस्थान में सरकार रिपीट करना जरूरी है और मुझे लगता है कि सरकार और संगठन मजबूती से काम करेंगे तो अवश्य हम कर पाएंगे।

उन्होंने कहा, हम सब मिलकर चल रहे हैं, राजस्थान में कुछ पद खाली है, सरकार में उसको भरना है और सरकार में बैलेंस को सेट करना है इसमें कोई तेरे मेरे की बात नहीं है। अनुभव, परफॉर्मेंस और रीजनल बैलेंस इन सब को संदर्भ में रखकर पार्टी अपना निर्णय लेगी मुझे विश्वास है।


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