महिला जांच दल की रिपोर्ट- दंगा पूर्व नियोजित, दिल्ली को दहलाने की थी साजिश

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गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी को सौंपी गई रिपोर्ट रिपोर्ट में खुलासा- शहरी नक्सली और जिहादी नेटवर्क ने बनाई थी दंगे की योजना 



नई दिल्ली, 11 मार्च (हि.स.)। दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले में हिंसा की शुरूआत पूर्व नियोजित थी। इसे एक बड़ी साजिश के तहत शुरू कराया गया था। इसके जरिए पूरी दिल्ली को दहलाने की योजना थी। यह खुलासा “ग्रुप ऑफ इंटेलेक्चुअल्स एंड एकेडमीशियंस” (जीआईए) नामक एक संस्था द्वारा जारी एक रिपोर्ट में किया गया है। बुधवार को जीआईए के सदस्यों ने गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी को यह रिपोर्ट सौंपी।

जीआईए ने दिल्ली विश्वविद्यालय की महिला प्रोफेसर डॉ प्रेरणा मल्होत्रा, डॉ श्रुति रंजन मिश्रा, सोनाली चितालकर और दिव्यंशा शर्मा व सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा की एक टीम गठित कर दिल्ली हिंसा के वास्तविक कारणों का पता लगाने को कहा। पांच सदस्यीय इस फैक्ट फाइंडिंग टीम ने दंगा प्रभावित क्षेत्रों का 29 फरवरी से 9 मार्च तक कई बार भ्रमण कर दंगे से प्रभावित लोगों से बातचीत के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है।
 इस रिपोर्ट में बताया गया है कि नागरिकता संशोधन कानून (सी.ए.ए) व नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप (एनआरसी) के विरोध करने के बहाने मुस्लिम समुदाय को लगातार भड़काया जा रहा था। इसका परिणाम 15 दिसंबर से शाहीन बाग़ में देखने को मिला था। पूर्वी दिल्ली में भी हिंसक घटनाएं उन्हीं क्षेत्रों में हुईं जहां पहले से सी.ए.ए. व एनआरसी के विरोध में धरने चल रहे थे। ऐसे सभी स्थानों पर महिलाओं को आगे कर ढाल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था।
फैक्ट फाइंडिंग टीम की सदस्य और दिल्ली विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर डॉ प्रेरणा मल्होत्रा ने बताया कि सी.ए.ए व एनआरसी के विरोध में धरना प्रदर्शन सड़क के किनारे किया जा रहा था और बीच बीच में सड़क पर उतरकर अस्थिरता पैदा करने की लगातार कोशिश की जा रही थी।। यह पूरा का पूरा प्रदर्शन प्रत्यक्ष तौर पर नरेन्द्र मोदी और अमित शाह विरोधी था पर पूरे परिप्रेक्ष्य में भारत विरोधी था। कहने को यह प्रदर्शन मुस्लिम महिलाओं का था, पर जिस तरह से पूरे क्षेत्र में नारे लिखे गए, जिस तरह के नारे लगे और जो तथ्य सामने दिखे उससे स्पष्ट है कि इन प्रदर्शनों के पीछे वामपंथी छात्र संगठन आईसा का हाथ है। फंडिंग के मामले में केन्द्र सरकार को भी सुबूत मिल रहे हैं कि प्रतिबंधित पीएफआई भी हिंसा भड़काने के लिए जिम्मेदार है।
प्रेरणा मल्होत्रा ने बताया कि हमने अपनी रिपोर्ट गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी को सौंपी है। हमने इस रिपोर्ट में दिल्ली दंगों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की है। दिल्ली दंगे एवं धरने में विदेशी फंड से मदद मिली थी, इसके सबूत भी मिले है। इसकी जांच भी एनआईए से कराने की मांग हमने की है।

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