महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का विस्तार, विखे पाटिल समेत 13 मंत्रियों ने ली शपथ

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मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस के पूर्व नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल, मराठवाड़ा के बीड़ से राकांपा के नेता जयदत्त क्षीरसागर को भी शामिल किया गया है।  



मुम्बई, 16 जून (हि.स.)। महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन सरकार का कार्यकाल खत्म होने से पहले ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया है। रविवार को मुम्बई के राजभवन में आयोजित विशेष कार्यक्रम में राज्यपाल विद्यासागर राव ने आठ कैबिनेट और पांच राज्यमंत्रियों को शपथ दिलाई है। इन 13 मंत्रियों में सबसे चर्चित नाम कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए राधाकृष्ण विखे पाटिल का है। राज्य के मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस और राकांपा के बागी नेताओं को तरजीह दी गई है जबकि शिवसेना और रिपब्लिक पार्टी(आरपीआई) का भी विशेष ध्यान रखा गया है। इसमें विदर्भ से पांच और मुम्बई से तीन विधायकों को मंत्री बनाया गया है।
उल्लेखनीय है कि आगामी चार-पांच माह के भीतर महाराष्ट्र में विधान सभा चुनाव होने वाले हैं। रविवार को सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया, जो उनकी सरकार का अंतिम कैबिनेट विस्तार है। पिछले सप्ताह से अटकलें लगाई जा रही थीं कि राज्य में डिप्टी सीएम पद शिवसेना को देने का फैसला किया गया है लेकिन शिवसेना ने अंतिम समय में इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस के पूर्व नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल, मराठवाड़ा के बीड़ से राकांपा के नेता जयदत्त क्षीरसागर को भी शामिल किया गया है।
भाजपा-शिवसेना गठबंधन सरकार में 23 कैबिनेट और 16 राज्यमंत्री हैं। शिवसेना के दीपक सावंत ने मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया था  जबकि पांडुरंग फुंडकर का निधन होने और गिरीश बापट के सांसद चुने जाने से कई मंत्री पद खाली थे।
रविवार को भाजपा कोटे से 10, शिवसेना कोटे से 2 और आरपीआई कोटे से एक मंत्री ने शपथ ली। भाजपा कोटे से कांग्रेस के पूर्व विधायक राधाकृष्ण विखे पाटिल, अमरावती के मोर्शी से भाजपा विधायक अनिल बोंडे, मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार, संजय कुटे, सुरेश खाड़े, योगेश सागर, अतुल साल्वे, परिणय फुके, बाला भेगड़े, जयदत्त क्षीरसागर, तानाजी सावंत, अशोक उईके और अविनाश माहतेकर को कैबिनेट में जगह दी गई है। हालांकि मौजूदा सरकार के पास मुश्किल से चार महीने का ही समय बचा है। ऐसे में मंत्री बनने वाले नेता एवं विधायकों को महज 90 दिन ही मंत्री पद का लाभ मिल सकेगा। इन सभी मंत्रियों को ’90 दिन वाला मंत्री’ भी कहा जा रहा है।

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