नई दिल्ली, 07 नवम्बर (हि.स.)। बिहार विधान सभा के लिए तीसरे और अंतिम चरण के मतदान के पश्चात हुए एक्जिट सर्वे के अनुसार राज्य में राजनीतिक बदलाव के संकेत हैं जिसमें तेजस्वी यादव का राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सबसे बड़े दल के रूप में उभर सकता है। एक्जिट पोल के अनुसार, जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीतिक जमीन खिसक रही है तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन के बावजूद सत्ता में उनकी वापसी के आसार नहीं दिख रहे।
रिपब्लिक टीवी-जन की बात के एक्जिट पोल के अनुसार, राजद-कांग्रेस-वाम दल महागठबंधन को 118 से 138 तक सीटें मिल सकती हैं। जदयू-भाजपा गठबंधन काफी पीछे है तथा उसे 91 से 117 सीटें मिलने का अनुमान है। मतों के लिहाज से भी महागठबंधन को सत्तारूढ़ गठबंधन पर बढ़त हासिल दिख रही। महागठबंधन को 40 से 45 प्रतिशत जबकि जदयू-भाजपा गठबंधन को 33 से 39 प्रतिशत तक वोट मिलने का अनुमान है। केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने सत्तारूढ़ गठबंधन को 7 से 9 प्रतिशत तक वोट लेकर नुकसान पहुंचाया।
टाइम्स नाऊ और इंडिया टीवी के एक्जिट पोल के अनुसार दोनों गठबंधनों के बीच कांटे की टक्कर है तथा बाजी किसी के भी हाथ लग सकती है। टाइम्स नाऊ-सी वोटर के सर्वे के अनुसार महागठबंधन को 120 सीटें जबकि जदयू-भाजपा गठबंधन को 116 से 120 मिल सकती हैं। इंडिया टीवी के एक्जिट पोल के अनुसार, जदयू-भाजपा गठबंधन को विपक्षी गठबंधन पर मामूली बढ़त हासिल है। सत्तारूढ़ गठबंधन को 112 और महागठबंधन को 110 सीट मिलने का अनुमान है।
243 सदस्यीय बिहार विधान सभा में बहुमत का आंकड़ा 122 है। पिछले विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव एक साथ थे तथा उनके गठबंधन ने भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को करारी शिकस्त दी थी। सरकार बनने के कुछ दिनों बाद नीतीश ने लालू यादव का साथ छोड़कर भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।