नागा बटालियन बहुराष्ट्रीय अभ्यास जापड़-21 में हिस्सा लेने रूस जाएगी

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पर्यवेक्षक के रूप में यूरेशियन और दक्षिण एशियाई क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक देश भाग लेंगे

 अभ्यास में भाग लेने वाले देशों के बीच सैन्य और रणनीतिक संबंधों को बढ़ाना है मुख्य मकसद



नई दिल्ली, 01 सितम्बर (हि.स.)। भारतीय सेना की नागा बटालियन के 200 सैनिक 3-16 सितम्बर तक रूस के निज़नी में होने वाले बहुराष्ट्रीय अभ्यास जापड़ में हिस्सा लेंगे। इस अभ्यास में पर्यवेक्षक के रूप में यूरेशियन और दक्षिण एशियाई क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक देश भाग लेंगे। जापड़-2021 रूसी सशस्त्र बलों के थिएटर स्तर के अभ्यासों में से एक है और यह मुख्य रूप से आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन पर केंद्रित होगा।

भारतीय सेना की ओर से अभ्यास में भाग लेने वाले नागा बटालियन समूह में एक ऑल आर्म्स कंबाइंड टास्क फोर्स होगा। इस अभ्यास का उद्देश्य भाग लेने वाले देशों के बीच सैन्य और रणनीतिक संबंधों को बढ़ाना है। भारतीय दल को एक कठिन प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से रखा गया है जिसमें मशीनीकृत, हवाई और हेलीबोर्न, आतंकवाद का मुकाबला, मुकाबला कंडीशनिंग और फायरिंग सहित पारंपरिक संचालन के सभी पहलुओं को शामिल किया गया है। इस हस्ताक्षर कार्यक्रम में यूरेशियन और दक्षिण एशियाई क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक देश भाग लेंगे।

नागा रेजिमेंट भारतीय सेना की एक इन्फैंट्री रेजिमेंट है। यह भारतीय सेना की सबसे कम उम्र की रेजिमेंटों में से एक है। इस रेजिमेंट में मुख्य रूप से पूर्वोत्तर भारत के नागालैंड राज्य से युवकों को भर्ती किया जाता है। दरअसल 1957 में जब नागा हिल्स क्षेत्र उग्रवाद से उबल रहा था, तब नागा लोगों के एक सम्मेलन में नागालैंड के लिए राज्य का दर्जा और भारतीय रक्षा बलों में नागा लोगों के लिए एक अलग इकाई गठित करने की मांग उठी। नागालैंड को 1963 में राज्य का दर्जा मिला और उसके सात साल बाद नागा रेजिमेंट का गठन किया गया। नागा रेजिमेंट की पहली बटालियन की स्थापना 1 नवम्बर 1970 को कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर, रानीखेत (उत्तराखंड) में लेफ्टिनेंट कर्नल आरएन महाजन के नेतृत्व में हुई थी। दूसरी बटालियन की स्थापना 11 फरवरी 1985 को हल्द्वानी में हुई थी।


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